बड़ी खबर! मंडी में लगेगा नया मिल्क पाउडर प्लांट, CM सुक्खू ने दिए निर्देश 

मुख्यमंत्री ने शनिवार को प्रसंघ की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सहकारी दुग्ध क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण फैसलों की घोषणा की, जिसका सीधा लाभ प्रदेश के 40 हजार से अधिक दुग्ध उत्पादकों को मिलेगा।
 

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी दुग्घ उत्पादक प्रसंघ सीमित (HPMILKFED) को नई दिशा देने की तैयारी है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को प्रसंघ की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सहकारी दुग्ध क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण फैसलों की घोषणा की, जिसका सीधा लाभ प्रदेश के 40 हजार से अधिक दुग्ध उत्पादकों को मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से मंडी जिला स्थित दूध संयंत्र में नया मिल्क पाउडर प्लांट (Milk Powder Plant) लगाने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। यह प्लांट लगने से प्रसंघ को अतिरिक्त दूध को संसाधित करने और उत्पादों की शेल्फ लाइफ (Shelf Life) बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर उत्पादों का विपणन आसान हो जाएगा।

प्रमुख घोषणाएं और विकास योजनाएं

समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने दुग्ध प्रसंघ के विस्तार और आधुनिकीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिले के कड़छम या टापरी में एक नया दुग्ध प्रसंस्करण केंद्र (Milk Processing Centre) स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र के उत्पादों को सेना (Army) और स्थानीय लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा।

शिमला जिला के दत्तनगर स्थित दोनों दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्रों को आउटसोर्स आधार पर संचालित करने की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा, ताकि उत्पादन क्षमता में और अधिक वृद्धि की जा सके। मुख्यमंत्री ने प्रसंघ को अपने उत्पादों का बेहतर विपणन (Marketing) और उनकी उच्च स्तरीय गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

दुग्ध क्षेत्र में रिकॉर्ड वृद्धि

मुख्यमंत्री ने प्रसंघ के पिछले प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया। इस वित्त वर्ष के दौरान दूध की खरीद में अधिकतम बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। मिल्क फैड को दूध बेचने वाले किसानों की संख्या बढ़कर 40 हजार से अधिक हो गई है। दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों की संख्या को बढ़ाने के बहुआयामी प्रयासों के कारण इनकी संख्या बढ़कर 716 हो गई है।

  • आधुनिक यूनिट: राज्य भर में 29 नए बल्क मिल्क कूलर (Bulk Milk Coolers) स्थापित किए गए हैं, साथ ही पिछले दो वर्षों में 222 ऑटोमैटिक मिल्क कलेक्शन यूनिट स्थापित किए गए हैं।

बैठक में प्रसंघ के अध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सरकार के इन फैसलों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने और प्रदेश में 'दुग्ध क्रांति' को नई गति मिलने की उम्मीद है।