पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधारों को लाकर अमूल्य सेवाएं दीं : सीएम सुक्खू
शिमला । हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही की शुरूआत शोकोद्गार से हुई। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के देहांत पर शोक व्यक्त करते हुए अपने वक्तव्य की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने देश के लिए श्रेष्ठ सेवाएं दीं। यह सदन दिवंगत आत्मा की शांति और उनके परिजनों को इस असहनीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। नरसिम्हा राव जब प्रधानमंत्री थे तो उस समय डॉ. मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे तो उन्होंने देश के लिए आर्थिक सुधारों को लाकर अमूल्य सेवाएं दीं।
प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल बहुत बेहतरीन रहा। उन्होंने मनरेगा के माध्यम से बजट का आवंटन कर ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएं। उन्होंने कई बड़े संस्थान खोले। हिमाचल प्रदेश के कई संस्थानों को खोलने में भी उनका सहयोग रहा। ट्रिपल आईटी भी हिमाचल प्रदेश के लिए डॉ. मनमोहन सिंह की देन है। राज्य सरकार ने उनके नाम से हिपा का नामकरण किया है। लोकसभा सांसद डॉ. किशन कपूर के देहांत पर भी मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने दुख जताया। उन्होंने कहा कि उनका धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्र में उनका बड़ा योगदान रहा है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत सरकार में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दीं। डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से एक राजनीतिक दल को ही नहीं, देश को बड़ी क्षति हुई। उन्हें विपक्ष के प्रहार का बहुत ज्यादा सामना नहीं करना पड़ा। वह बहुत ईमानदार थे। उनकी छवि बहुत साफ-सुथरी थी। जयराम ठाकुर ने सांसद किशन कपूर के देहांत पर भी शोक जताया। जयराम ठाकुर ने कहा कि वह पांच बार इस सदन के सदस्य रहे। तीन बार मंत्री भी रहे। उनके साथ भी मंत्री रहे। मंत्री चंद्र कुमार ने भी शोकोद्गार वक्तव्य दिया। विपिन सिंह परमार, धनीराम शांडिल, सुधीर शर्मा, जनकराज व राजेश धर्माणी ने भी शोक वक्तव्य दिए। आज प्रश्नकाल नहीं हो पाया है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 की अनुपूरक मांगों को सदन में पारित किया गया। इसके लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक 2025 को सदन में पेश किया। इसे ध्वनिमत से पारित किया गया। राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू। भवानी सिंह पठानिया ने चर्चा का प्रस्ताव रखा। सदन में सभापति की भूमिका विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार ने निभाई।