शब्दों पर नियंत्रण रखें जयराम ठाकुर, वरना करेंगे कार्रवाई : कुलदीप पठानिया

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जिस तरह से आक्षेप विस अध्यक्ष की मर्यादा के खिलाफ कर रहे हैं। वह अपने शब्दों और सोच पर नियंत्रण रखें। पठानिया ने कहा कि उनका आचरण कैसा हो, इस संबंध में उन्हें जयराम ठाकुर से प्रमाणपत्र को लेने की जरूरत नहीं।
 

शिमला ।   हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और अन्य भाजपा नेताओं के बयानों पर कहा कि वे सदन के भीतर के निर्णयों की चर्चा सदन में ही करें। सार्वजनिक मंच पर चर्चा की जरूरत नहीं है। नेता प्रतिपक्ष जिस तरह से आक्षेप विस अध्यक्ष की मर्यादा के खिलाफ कर रहे हैं। वह अपने शब्दों और सोच पर नियंत्रण रखें। उन्होंने चेताया कि अगर इस तरह की बयानबाजी जारी रहती है तो उन्हें मजबूरन नियमानुसार कार्रवाई करनी पड़ेगी।

पठानिया ने कहा कि उनका आचरण कैसा हो, इस संबंध में उन्हें जयराम ठाकुर से प्रमाणपत्र को लेने की जरूरत नहीं। उनकी जवाबदेही जनता और संविधान के लिए है। वह जो भी कार्रवाई कर रहे हैं, सांविधानिक प्रावधानों में ही कर रहे हैं।  पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान उन्होंने अध्यक्ष के तौर पर सदन का संचालन नियमों के अनुरूप किया है। 14वीं विधानसभा की उत्पादकता 132 प्रतिशत रही है। सभी सत्रों में आवंटित समय से अधिक काम किया। हर सदस्य को बात रखने का मौका दिया गया। विधायकों के मामलों में कार्रवाई की है, उसमें नियमों की अनुपालना की है।

पठानिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने अपनी रूलिंग के माध्यम से यह तय कर दिया है कि स्पीकर के अधिकारक्षेत्र और फैसलों में किसी प्रकार के दखल की गुंजाइश नहीं है। फिर भी पब्लिक डोमेन में जाकर नेता प्रतिपक्ष या भाजपा नेता इन फैसलों को राजनीतिक लाभ लेने की चेष्टा से चुनाव के दौरान चर्चा में ला रहे हैं। किसी भी सदस्य को विधानसभा के विषयों को सार्वजनिक मंच पर उठाने का अधिकार नहीं है। यह नियमों का उल्लंघन ही माना जाएगा।  विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि मानसून सत्र को अगस्त में बुलाया जाएगा। सत्र बुलाने में छह माह का अंतर होना चाहिए।
 

जयराम ठाकुर ने ये कहा था
नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में कहा था कि भाजपा के नौ विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द करने का स्पीकर के पास कोई भी अधिकार नहीं है, जब इन सदस्यों ने केवल सरकार के खिलाफ नारे लगाए थे। वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष ने सभी नियमों और व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ा दी हैं। आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष मुख्यमंत्री की कठपुतली बनकर रह गए हैं। न जाने मुख्यमंत्री ने उनको किस पद का प्रलोभन दिया है। विधानसभा अध्यक्ष को अपनी भाषा पर कोई नियंत्रण नहीं है। वर्तमान कांग्रेस सरकार बचने वाली नहीं है। उनकी वजह से नहीं, परंतु कांग्रेस के अपने विधायकों से ही सरकार को खतरा है।