तीन कैबिनेट में पूरी नहीं हुई गारंटियां, अब सीएम सुक्खू बोले, चार साल लगेंगे 

सीएम ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन शिमला में मीडिया से बातचीत में दोहराया कि सरकार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से दी गई दस गारंटियों को पूर्ण करने के लिए दृढ़संकल्प है।

 

शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू  (Cm Sukhvinder Singh Sukhu) ने अब कहा कि हमने एक साल में सभी दस गारंटियां पूरी करने के लिए नहीं कहा है। जनता ने विश्वास कर हमें पांच साल के लिए चुना है। हम चार साल के भीतर अपनी गारंटियां पूरी करेंगे। उधर, भाजपा आरोप लगा रही है कि यह सुख की नहीं बल्कि इतंजार की सरकार बन गई है।

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भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए सीएम ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन शिमला में मीडिया से बातचीत में दोहराया कि सरकार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से दी गई दस गारंटियों को पूर्ण करने के लिए दृढ़संकल्प है। कैबिनेट की पहली बैठक में ही प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू कर दी गई है, जिससे 1.36 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिला है। अन्य सभी गारंटियां भी चरणबद्ध चार साल में पूरी की जाएंगी। 


उधर, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि झूठ के पांव नहीं होते और वह ज्यादा देर चल नहीं पाता। जबसे प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनी है, तबसे जनता को पता लग गया है कि इनकी सभी गारंटियां पूरे तरीके से झूठी हैं। वहीं, पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की सुक्खू सरकार अब 10 गारंटियों से मुकरने लगी है। दीवारों पर लिखी गारंटियां भी नजर नहीं आ रही हैं।

प्रियंका ने पहली कैबिनेट में OPS और एक लाख नौकरियों का किया था एलान

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने 14 अक्तूबर 2022 को सोलन में चुनावी शंखनाद करते हुए परिवर्तन प्रतिज्ञा रैली की थी। इस रैली में प्रियंका ने पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस बहाल करने और एक लाख नौकरियां देने का एलान किया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस झूठे वादे नहीं करती, जो कहती है, उसे निर्धारित समय में पूरा करती है। अब प्रदेश में सरकार बनने के बाद कैबिनेट की तीन बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ मिलना शुरू नहीं हुआ। पहली कैबिनेट बैठक में सिर्फ ओपीएस बहाल करने की घोषणा की, लेकिन इसकी न तो गाइडलाइन अभी तय हुई और न अधिसूचना जारी हुई।