Himachal OPS News: हिमाचल में OPS बहाली के लिए अधिसूचना जारी करने के निर्देश 

हिमाचल सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की अधिसूचना मंगलवार को जारी कर दी है। इसके तहत प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। मुख्य सचिव की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश जारी किए गए हैं। 

 

शिमला। प्रदेश सरकार ने हिमाचल में पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। हिमाचल में ओपीएस बहाल करने के लिए यह अधिसूचना मंगलवार को जारी हुई है। सरकार की ओर से वित्त विभाग को अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए गए हैं। सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि जो भी कर्मचारी सभी सरकारी विभागों में इस पॉलिसी के अंतर्गत आता है उसे ओपीएस का लाभ मिलेगा। पेंशन जारी करने के फॉर्मूले को लेकर वित्त महकमा अलग से मानक संचालन प्रक्रिया, नियम और शर्तें जारी करेगा। इस संबंध में मुख्य सचिव की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश जारी किए गए हैं। 

 

 

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20 साल बाद पुरानी पेंशन योजना 

हिमाचल प्रदेश में 20 साल बाद पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल हुई है। सुक्खू सरकार ने लोहड़ी के दिन पहली कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल करने का फैसला लिया था। हिमाचल प्रदेश में 2003 में पुरानी पेंशन योजना बंद हुई थी। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से गारंटी दी थी कि प्रदेश में सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट में ही ओपीएस को बहाल कर दिया जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल से पुरानी पेंशन बहाल होने के बाद अब प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की पेंशन के फार्मूले पर नजरें टिक गई हैं।

 

 

2003 से पहले ऐसे मिलती थी पेंशन

हिमाचल में बहाल हुई पुरानी पेंशन का फार्मूला कौन सा होगा, इसकी जानकारी अभी किसी को नहीं। कर्मचारी यूनियनों के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में 15 मई 2003 से पहले सेंट्रल सिविल सर्विस पेंशन रूल 1972 के तहत पेंशन दी जाती थी। इसके तहत सेवानिवृत्ति के अंतिम दिन लिए गए वेतन का 50 फीसदी पेंशन राशि होती थी। इस नियम को ही दोबारा लागू करने के लिए हिमाचल सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी दी है। पुरानी पेंशन योजना में सेवाकाल के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर पहले दस वर्षों तक 50 फीसदी पेंशन ही परिजनों को मिलती है। इसके बाद पेंशन की राशि को 30 फीसदी दिया जाता है। पुरानी पेंशन लेने के लिए किसी भी कर्मचारी की दस वर्षों की नियमित सेवा होना भी अनिवार्य है।