Himachal Pradesh Budget 2022: जयराम ने पेश किया बजट, विधायक निधि बढ़ाकर 2 करोड़ की
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की राजधानी शिमला (Shimla) में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने शुक्रवार को 2022-23 के लिए विधानसभा में बजट पेश करते हुए विधायक क्षेत्र विकास निधि वर्तमान की 1.80 करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने की घोषणा की। वहीं, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इस सरकार का पांचवां और अंतिम बजट पेश किया।
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान विधायक क्षेत्र विकास निधि कोष में 90 लाख रुपए बढ़ाए गए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने अगले वित्त वर्ष के लिए विधायकों के विवेकाधीन अनुदान को दस लाख रुपए से बढ़ाकर 12 लाख रुपए करने की भी घोषणा की। दरअसल, मुख्यमंत्री ने बजट में पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने सहित तीन एलपीजी सिलेंडर मुफ्त देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री गृहणी सुविधा योजना जारी रहेगी। हालांकि अब तीन सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे। वहीं, अब एक अतिरिक्त सिलेंडर मिलेगा। ऐसे में पहले दो सिलेंडर मिल रहे थे। साथ ही प्रदेश में 220 नई बसें खरीदी जाएंगी, जिसमें 50 इलेक्ट्रिक बसें होंगी। बता दें कि प्रदेश में आबकारी एवं कराधान विभाग को फोर्स मिलेगी। वहीं, नशा निवारण के लिए कारगरत साबित होगी। ऐसे में अवैध शराब के मामलों को रोकने के लिए एक मोबाइल एप भी शुरू किया जाएगा। वहीं, शराब की बोतल पर लगे होलामार्क को स्कैन कर इसकी पहचान हो सकेगी।
शराब की बोतल पर एक रुपये सेस लगाया जाएगा, जिसे गोबंश के लिए दिया जाएगा। साथ ही धर्मशाला और मंडी में भी साइबर पुलिस थाने में खोले जाएंगे। अभी सिर्फ शिमला में कार्यरत है। हालांकि, यह थानें आइजी रेंज स्तर के होंगे। वहीं, 4 नए अग्निशमन केंद्र खोले जाएंगे। इसके साथ ही गृहरक्षकों को क्षेत्र से बाहर जाने पर दैनिक भत्ता दिए जाने की भी सीएम ने घोषणा की है।
नदियों के निरीक्षण के लिए 14 नए निरीक्षण केंद्र किए जाएंगे स्थापित
हिमाचल प्रदेश में गरुड़ नई ड्रोन योजना शुरू होगी, जिसके माध्यम से 4 ड्रोन फ्लाइंग केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा प्रदेश में डिजिटल लाइब्रेरी भी स्थापित की जाएगी। जोकि 10 पर्यटन व स्वास्थ्य स्थलों में वाई-फाई हाटस्पाट स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही सीएम जयराम ठाकुर ने कहा नई राहें नई मंजिल के तहत 50 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इंट्रीग्रेटेड सोलिड वेस्ट बोर्ड के दो कार्यालय खोले जाएंगे. साथ ही नदियों के निरीक्षण के लिए 14 नए निरीक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।