Himachal Politics : अयोग्य करार विधायकों को सुप्रीम झटका, कोर्ट का स्पीकर के फैसले पर रोक लगाने से इनकार
कांग्रेस के अयोग्य करार दिए छह विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।
वेब डेस्क। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कांग्रेस के अयोग्य करार दिए छह विधायकों (disqualify mla) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका मिला है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य विधायकों को वोट देने और विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने की इजाजत भी नहीं दी है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया (Kuldeep Singh Pathania) ने दल-बदल विरोधी कानून के तहत कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। अयोग्य घोषित किए गए विधायकों ने पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान किया। जिन विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया, उनमें धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल और गगरेट से चैतन्य शर्मा हैं।
राज्यसभा चुनाव में हुई थी कांग्रेस की हार
कांग्रेस के इन विधायकों की क्रॉस वोटिंग के कारण 40 विधायकों वाली कांग्रेस को 25 सीटों वाली भाजपा के सामने राज्यसभा सीट गंवानी पड़ी थी। इन विधायकों के खिलाफ संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने याचिका दायर कर उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की थी क्योंकि उन्होंने पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया। इसके बाद स्पीकर ने विधायकों को अयोग्य घोषित किया तो स्पीकर के फैसले के खिलाफ विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जहां से भी उन्हें निराशा हाथ लगी है।
अब निर्वाचन आयोग ने धर्मशाला, सुजानपुर, कुटलैहड़, लाहौल-स्पीति, बड़सर और गगरेट में उपचुनाव करवाने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में अब इन सीटों पर उपचुनाव से राज्य की सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार का भी भविष्य तय होगा। लोकसभा चुनाव के साथ ही इन बागी विधायकों की सीटों पर भी उपचुनाव होंगे। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारती है या फिर इन्हीं विधायकों को मौका देती है।