योजना प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों तथा अन्य वैकल्पिक माध्यमों से पेयजल उपलब्ध करवाएं अधिकारी : उपमुख्यमंत्री

उपमुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि  हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण हुई तबाही से जल शक्ति विभाग को 2 हज़ार करोड रूपये का नुक्सान । पिछले एक सप्ताह से भारी बारिश के कारण प्रदेश भर में क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं की मुरम्मत एवं रखरखाव कार्य की प्रगति तथा प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पेयजल आपूर्ति बहाली के संबंध में जल शक्ति विभाग के उच्च अधिकारियों की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
 

ऊना ।  पिछले एक सप्ताह से भारी बारिश के कारण प्रदेश भर में क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं की मुरम्मत एवं रखरखाव कार्य की प्रगति तथा प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पेयजल आपूर्ति बहाली के संबंध में जल शक्ति विभाग के उच्च अधिकारियों की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश मुकेश अग्निहोत्री ने की। बैठक में जल शक्ति विभाग के प्रमुख अभियंताओं, मुख्य अभियंताओं, अधीक्षण अभियंताओं सहित कई अन्य अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया तथा उपमुख्यमंत्री को अपने अपने क्षेत्रों में दूसरे चरण में बारिश के कारण क्षतिग्रस्त एवं प्रभावित हुई पेयजल योजनाओं बारे विस्तृत जानकारी प्रदान दी। 

इस अवसर पर मुकेश अग्निहोत्री ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए की प्रदेश में आगामी 48 घंटे के भीतर सभी क्षेत्रों में जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी स्वयं क्षेत्रों का दौरा करें तथा निरंतर कार्य प्रगति की निगरानी करें। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जुलाई माह के दौरान भारी बारिश के कारण प्रभावित पेयजल योजनाओं की मुरम्मत का कार्य जिस गति से विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा किया गया है। उसी तीव्रता से एक बार पुनः विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अपनी कार्यकुशलता का परिचय दें ताकि प्रदेश के किसी भी व्यक्ति को जल संकट से न जूझना पड़े। उन्होंने कहा कि आपदा के दूसरे चरण में भी जलापूर्ति एक बड़ी चुनौती है, इसलिए विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश पर रोक रहेगी।
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिन क्षेत्रों में पेयजल योजना की बहाली को अधिक समय लग रहा है वहां पर टैंकरों तथा अन्य वैकल्पिक माध्यमों से जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा उपलब्ध करवाए जा रहे पेयजल की गुणवत्ता की भी निरंतर जांच की जाए ताकि वर्षा ऋतु के दौरान जल जनित रोगों की चुनौती का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि आपदा के कारण विस्थापित हुए प्रदेशवासियों के लिए लगाए गए राहत शिविरों में जलापूर्ति का विशेष ध्यान रखा जाए।
उप मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि पिछले 1 माह के दौरान प्रदेश में भारी बारिश से हुई तबाही से जल शक्ति विभाग को 2 हज़ार करोड रुपए की क्षति हुई है। उन्होंने बताया कि भारी वारिश के कारण हुए नुक्सान को शीघ्र ही केंद्र सरकार को अवगत करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में जल शक्ति विभाग की योजनाओं की मुरम्मत के लिए तुरंत 50 करोड रुपए जारी कर दिए गए हैं तथा अत्यंत महत्वपूर्ण पेयजल योजना की बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन, जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता नरेश कुमार धीमान सहित हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से जनशक्ति विभाग के उच्च अधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।