हिमाचल में जहरीली शराब पीने से अब तक सात की मौत, प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी जहरीली शराब से मौत होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। वीरवार सुबह दो और लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या सात पहुंच गई है। मालमा मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल का है।
 

हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी जहरीली शराब से मौत होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। वीरवार सुबह दो और लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या सात पहुंच गई है। मालमा मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल का है। यहां बुधवार को शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई थी। वीरवार को दो और लोगों की मौत हो गई।


जानकारी के अनुसार सुंदरनगर तहसील के खनयोड के रहने वाले सीता राम ने घर में दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है  मिस्त्री का काम करने वाले सीता राम ने 17 जनवरी को शराब पी थी। परिवार को घर में कोल्ड ड्रिंक की बोतल में शराब मिली है। पुलिस ने बोतल और शव कब्जे में लिए हैं। इसके अलावा भगत राम की वीरवार तड़के मौत हो गई। भगत राम यह नेरचौक मेडिकल कालेज में उपचाराधीन था। 


रिपोर्ट्स के मुताबिक सुंदरनगर में जहरीली शराब पीने वाले गणपत की हालत भी नाजुक बनी हुई है। उसे आधी रात को आईजीएमसी शिमला रेफर कर दिया गया है।  अभी तीन और लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है। बुधवार को पांच लोगों की मौत हुई थी, इस तरह अब तक सात लोग जान गंवा चुके हैं। उधर, जहरीली शराब पीने के कारण लोगों की मौत होने के बाद प्रशासन भी सतर्क हो गया है।


वहीं, उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने सलापड, ध्वाल व कांगू पंचायत के लोगों से अपील की है कि अगर किसी के पास घर में शराब पड़ी है तो उसका सेवन न करें। जिन लोगों ने 17 जनवरी से शराब पी है, वह उपचार के लिए खुद सामने आएं, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके। उधर, वीरवार को स्वास्थ्य विभाग की एक टीम भी सलापड, ध्वाल व कांगू पंचायत में घर-घर जाएगी और लोगों से जानकारी जुटाएगी। 
 

प्रशासन ने जहरीली शराब के सेवन से होने वाली मौतों के मामले की जांच के लिए आईजी मधुसूदन की अध्‍यक्षता में एसआईटी गठित कर दी है। मालमे में जो भी संलिप्‍त पाया गया, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय है। सरकार और प्रशासन ने मृतकों के परिवार को आठ-आठ लाख रुपये मुआवजा देने का निर्णय लिया है। इसके अलावा 50-50 हजार रुपये मौके पर फौरी राहत के तौर पर प्रदान किए जा चुके हैं।