Mandi Shivratri Festival : मंडी शिवरात्रि महोत्सव के लिए कलाकारों के ऑडिशन का शेड्यूल जारी

अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी (International Shivratri Festival Mandi) की सांस्कृतिक संध्याओं में भाग लेने के लिए कलाकारों के ऑडिशन का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। ऑडिशन 26 फरवरी से लेकर 2 मार्च तक होंगे।
 

मंडी। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी (International Shivratri Festival Mandi) की सांस्कृतिक संध्याओं में भाग लेने के लिए नवोदित कलाकारों के ऑडिशन का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। ऑडिशन 26 फरवरी से लेकर 2 मार्च तक होंगे। ऑडिशन युवा सेवाएं एवं खेल विभाग मंडी के टेनिस हॉल पड्डल में सुबह 10.30 बजे से आयोजित किए जाएंगे। यह जानकारी (Shivratri Festival Mandi) सांस्कृतिक उप-समिति के अध्यक्ष एवं अतिरिक्त उपायुक्त मंडी रोहित राठौर ने दी। 


उन्होंने बताया कि मंडी जिला के कलाकारों के ऑडिशन तीन दिन 26 से 28 फरवरी तक होंगे। जबकि प्रदेश के अन्य जिलों के कलाकारों के ऑडिशन 29 फरवरी और एक मार्च को लिए जाएंगे। 2 मार्च का दिन रिजर्व होगा। एडीसी ने बताया कि जिला मंडी के कलाकारों की सुविधा के लिए ऑडिशन उपमंडलवार होंगे। 26 फरवरी को मंडी सदर, कोटली, पधर और धर्मपुर, 27 फरवरी को सुन्दरनगर, बल्ह, बालीचौकी और जोगिन्द्रनगर, 28 फरवरी को करसोग, गोहर, थुनाग और सरकाघाट उपमण्डलों से आए कलाकारों के ऑडिशन होंगे। 


उन्होंने बताया कि प्रदेश के अन्य जिलों के कलाकारों के ऑडिशन जिलावार होंगे। जिसमें 29 फरवरी को चम्बा, ऊना, हमीरपुर, शिमला व बिलासपुर जिलों के तथा 01 मार्च को कुल्लू, किन्नौर, कांगड़ा, लाहौल स्पीति, सिरमौर और सोलन जिलों के कलाकारों के ऑडिशन होंगे। पिछले वर्ष आयोजित ऑडिशन में गायकी में मंडी और प्रदेश के अन्य जिलों से क्रमशः प्रथम तीन रैंक प्राप्त करने वालों और नृत्य में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले कलाकारों को बिना ऑडिशन के सांस्कृतिक संध्या में प्रस्तुति का मौका दिया जाएगा। 

मंडी शिवरात्रि मेला एक वार्षिक प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय मेला है जो भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर में शिवरात्रि के हिंदू त्यौहार से शुरू होकर लगातार सात दिनों तक आयोजित किया जाता है। त्यौहार की लोकप्रियता व्यापक है और इसलिए इसे एक अंतरराष्ट्रीय त्यौहार के रूप में जाना जाता है। मंडी देवी-देवताओं की भारी संख्या को देखते हुए, इसके मंदिरों से बड़ी संख्या में देवी-देवताओं को त्यौहार में आमंत्रित करने के मद्देनजर, मंडी शहर को "छोटी काशी" की उपाधि दी गई है। 


त्यौहार के दौरान मुख्य आकर्षण जिले के सभी हिस्सों से आने वाले देवता हैं। सांस्कृतिक रातें, नृत्य, संगीत के खेल आदि दिन के समय और शाम को पूरे स्‍थान को मंत्रमुग्ध सा कर देते हैं। मेला पड्डल मैदान में आयोजित किया जाता है, जहां मेले में दुकानें, प्रदर्शनियां, खेल और स्थानीय व्यापारी भाग लेते हैं। मंडी, ब्यास नदी के तट पर घाटों और भगवान शिव के मंदिरों के संबंध में 'वाराणसी' के साथ इसकी समानता को देखते हुए 'छोटी काशी' के रूप में लोकप्रिय है। 

मंडी बाबा भूतनाथ का निवास, मांडव्य नगरी के रूप में जाना जाता था, क्योंकि मांडव ऋषि ने ब्यास नदी में कोलसारा नामक एक चट्टान पर कठिन तपस्‍या की थी। प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि मेला हर साल फरवरी / मार्च के महीनों के दौरान मनाया जाता है। मेले के दौरान जिले के विभिन्न कोनों से देवी देवताओं का इस शहर में लाए जाते हैं। भक्तों द्वारा इन्‍हें रंग-बिरंगी पालकियों में लाया जाता है, देवताओं की सभा देखने लायक धार्मिक उत्सव है। 

उत्सव की शुरुआत भूतनाथ मंदिर में प्रसाद चढ़ाने और पूजा-प्रार्थना करने के साथ होती है। उत्सव के दौरान रंगीन पगड़ी पहने पुरुषों के साथ जुलूस निकाला जाता है और इसमें एक भव्य तमाशा भी होता है। सप्ताह भर चलने वाले मेले में दिन में आयोजित होने वाले मेले-नृत्य, संगीत खेल आदि और शाम के समय आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम इस जगह को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। मेला पड्डल मैदान में आयोजित किया जाता है, जहां मेले में दुकानें, प्रदर्शनियां, खेल और स्थानीय व्यापारी भाग लेते हैं।

वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि मेला पड्डल मैदान में आयोजित किया जाता है, जहां मेले में दुकानें, प्रदर्शनियां, खेल और स्थानीय व्यापारी भाग लेते हैं। मंडी को पहाड़ियों की 'छोटी काशी' के नाम से जाना जाता है। मंडी शहर को कुल्लू, मनाली, लाहौल घाटी जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों का प्रवेश द्वार भी माना जाता है।