Mandi : सात वर्ष की नाबालिग का अपहरण और दुष्कर्म का आरोप सिद्ध

दोषी को भारतीय दंड सहिंता की धारा 376 (एबी) के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 20000 जुर्माने की सजा सुनाई। धारा 363 के तहत 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 2000 रुपए जुर्माने की सजाए धारा 366 के तहत 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 2000 जुर्माने की सजा और पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत 10 वर्ष के कठोर  कारावास की सजा के साथ 5000 जुर्माने की सजा सुनाई।
 

मंडी  ।   माननीय विशेष न्यायाधीश (पोक्सो), जिला मंडी हिमाचल प्रदेश की अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के दोषी को विभिन्न धाराओं में कारावास की सजा के साथ जुर्माने की सजा सुनाई। जिला न्यायवादी मंडी कुलभूषण गौतम ने बताया कि दिनांक नौ जुलाई 2018 को पीडि़ता की मां ने अपने पति के साथ पुलिस थाना औट में शिकायत दर्ज करवाई कि सात जुलाई 2018 को उसका एक रिश्तेदार उनके घर आया था और वह थोड़ी देर बाद अपने घर के लिए निकल गया ।

उसी दौरान सात वर्ष की पीडि़ता भी खेलने के लिए घर से निकल गई। जब पीडि़ता काफी देर तक घर नहीं आई, तो शिकायतकर्ता और उसका पति पीडि़ता को ढूंढने के लिए निकले और काफी देर तक ढूंढने के बाद पीडि़ता उनको पास के एक स्कूल के पास मिली।  वह अचेत हालत में थी और वह सारी रात अचेत रही जब सुबह उसको होश आया, तो पीडि़ता से पूछने पर उसने बताया कि जो रिश्तेदार पिछले दिन उनके घर आया था।   वह उसको गोद में उठाकर ले गया और उसके साथ गलत काम किया।

शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार दोषी के खिलाफ थाना औट जिला मंडी में अभियोग 77/2018 दर्ज हुआ था।  मामले की छानबीन सहायक उप निरीक्षक श्याम लाल, थाना औट जिला मंडी  द्वारा अमल में लाई थी। छानबीन पूरी होने पर थानाधिकारी थाना औटए जिला मंडी द्वारा चालान को अदालत में दायर किया था। उक्त मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 27 गवाहों के ब्यान कलम बंद करवाए थे। उक्त मामले में सरकार की तरफ से मामले की पैरवी लोक अभियोजक चानन सिंह द्वारा की गई।

अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उपरोक्त दोषी को भारतीय दंड सहिंता की धारा 376 (एबी) के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 20000 जुर्माने की सजाए धारा 363 के तहत 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 2000 रुपए जुर्माने की सजाए धारा 366 के तहत 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 2000 जुर्माने की सजा और पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत 10 वर्ष के कठोर  कारावास की सजा के साथ 5000 जुर्माने की सजा सुनाई।  जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को 2 से 6 माह तक के अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई।