Mandi : नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप सिद्ध, दोषी को 25 वर्ष का कठोर कारावास एवं जुर्माना
मंडी । माननीय विशेष न्यायाधीश (पोक्सो), जिला मंडी हिमाचल प्रदेश की अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के दोषी को विभिन्न धाराओं में कारावास की सजा के साथ जुर्माने की सजा सुनाई। जिला न्यायवादी मंडी कुलभूषण गौतम ने बताया कि दिनांक 14 सितंबर 2020 को जोगिंद्रनगर पुलिस को एक सरकारी अस्पताल से दूरभाष से सुचना मिली कि एक नाबालिग अपनी मां के साथ स्वास्थ्य परिक्षण करने आई थी जोकि परिक्षण के दौरान गर्भवती पाई गई है। सूचना के आधार पर पुलिस अस्पताल पहुंची और पीडि़ता का बयान दर्ज किया गया।
पीडि़ता ने बताया कि वह अपने माता पिता के साथ रहती है और पिछले कुछ दिनों से उसको सिर दर्द रहती थी और और बीमार रहती थी। जिसके चलते पीडि़ता की मां उसे एक चेले तांत्रिक के पास ले गई और चेले ने उन्हें बताया कि पीडि़ता को जादू टोने की शिकायत है। जिस कारण से पीडि़ता अक्सर चेले के पास जाती रहती थी। लेकिन मार्च नौ को पीडि़ता जब चेले के पास गई, तो चेले ने पूजा के कमरे में सामान रखवाकर पीडि़ता को दूसरे कमरे में बुलाया और उसके साथ जबरदस्ती करने लगा। पीडि़ता ने जब उसका विरोध किया तो चेले ने उसे जान से मरने की धमकी दी और बाकि परिवार पर जादू टोना करने की भी धमकी दी और पीडि़ता के साथ दुष्कर्म किया। डर के कारण पीडि़ता ने यह बात अपने घर में नही बताई। उसके बाद भी पीडि़ता चेले के घर जाती रही और उसने डरा धमकाकर दो तीन बार और दुष्कर्म किया।
पीडि़ता के उक्त बयान के आधार पर चेले। तांत्रिक के खिलाफ थाना जोगिंद्रनगर जिला मंडी में अभियोग 198/2020 दर्ज हुआ था। मामले की छानबीन उप निरीक्षक सुरजीत सिंह थाना जोगिंद्रनगर जिला मंडी द्वारा अमल में लाई थी। छानबीन पूरी होने पर थानाधिकारी थाना जोगिंद्रनगर जिला मण्डी द्वारा मामले के चालान को अदालत में दायर किया था। उक्त मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 18 गवाहों के ब्यान कलम बंद करवाए थे। उक्त मामले में सरकार की तरफ से मामले की पैरवी लोक अभियोजक चानन सिंह द्वारा की गई।
अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उपरोक्त दोषी को भारतीय दंड सहिंता की धारा 376(3) के तहत 25 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 50000 जुर्माने की सजा, धारा के तहत 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 5000 जुर्माने की सजा और पोक्सो अधिनियम की धारा छह के तहत 25 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 50000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को 2 से 6 माह तक के अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई।