बीएड बेरोजगार परिवार विस चुनावों में करेंगे नोटा का प्रयोग : राजेश गौतम 

यूनियन ने प्रदेश सरकार द्वारा दो लाख बीएड डिग्री धारकों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाने पर रोष व्यक्त किया। अगर प्रदेश सरकार बेरोजगारों की समस्या को हल नहीं करती है। तो प्रदेश के दो लाख बीएड बेरोजगार परिवार सहित विस चुनावों में नोटा का प्रयोग करेंगे।
 

मंडी ।  हिमाचल प्रदेश बीएड बेरोजगार यूनियन की राज्य स्तरीय बैठक प्रधान राजेश गौतम की अध्यक्षता में ऑनलाइन आयोजित की गई । जिसमें सभी जिलों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। यूनियन ने प्रदेश सरकार द्वारा दो लाख बीएड डिग्री धारकों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाने पर रोष व्यक्त किया। वहीं निर्णय लिया गया कि अगर प्रदेश सरकार बेरोजगारों की समस्या को हल नहीं करती है। तो प्रदेश के दो लाख बीएड बेरोजगार परिवार सहित विस चुनावों में नोटा का प्रयोग करेंगे। बीएड अभ्यर्थियों ने इस बात पर भी हैरानी व्यक्त की कि सरकार ने तीन सालों से टीजीटी की भी भर्तियां नहीं निकाली। ऐसा क्यों किया जा रहा है यह समझ से परे है ।

हालांकि यह कुछ समय पहले कहा जा रहा था कि बहुत सी टीजीटी भर्तियों के लिए शीघ्र विज्ञप्ति निकलने वाली है, पर अभी तक अंतिम मंत्रिमंडल की बैठक का इंतजार किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि इस बैठक में भी कुछ नहीं किया गया, दो लाख बीएड अभ्यर्थी व उनके प्रभावित परिवार व रिश्तेदार चुनाव में नोटा का प्रयोग करेंगे चाहे परिणाम कुछ भी हो । बीएड वालों के साथ सरकार जेबीटी भर्ती पोस्ट कोड 721 में भी अन्याय कर चुकी है।
उन्होंने बताया कि 1135 लोग को इस अनुचित आधार पर बाहर कर दिया कि वह जेबीटी का टैट प्रस्तुत करें, जोकि प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने  28 जून 2018 की नोटिफिकेशन के बाद आरएंडपी में आवश्यक संशोधन ना करके कभी करवाया ही नहीं था और अभी जारी जेबीटी की नई भर्तियों में वही गलती दोहराई जा रही है । कम से कम सरकार सुप्रीम कोर्ट के 12 अक्टूबर के फैसले का तो इंतजार कर सकती थी। पहले भी यह भर्ती 4 साल से कोर्ट में चल रही है और अभी की भर्तियां हाईकोर्ट के फैसले के अधीन चल रही हैं।
बीएड अभ्यर्थियों ने इस बात पर भी चिंता जताई की डबल इंजन की सरकार का हवाला देने वाली हिमाचल प्रदेश सरकार का इंजन विपरीत दिशा में चल रहा है। क्योंकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु प्राइमरी में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करना केंद्र सरकार की सहमति से हुआ है और केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने एनसीटी की 28 जून 2018 की गजट को बचाने के लिए एसएलपी डाली गई है जहां से संभवत बीएड की जीत होगी ।
बीएड अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग की  कि केंद्र सरकार के साथ इस क्षेत्र में सहयोग करें व एनसीटीई नोटिफिकेशन के पक्ष में अपना रिजाइंडर फाइल करें तथा भर्तियां नियमानुसार की जाए ताकि बेरोजगारों को कोर्ट में न जाकर अनावश्यक खर्चा करने पर मजबूर किया जाए।