फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे हासिल की फार्मासिस्ट की नौकरी, सरकाघाट के व्यक्ति पर केस दर्ज

सरकाघाट के व्यक्ति को झूठे प्रमाणपत्रों और तथ्य छिपाकर पशुपालन विभाग में फार्मासिस्ट की नौकरी हासिल करना महंगा पड़ गया है। राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इस धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज कर लिया है।
 

सरकाघाट के व्यक्ति को झूठे प्रमाणपत्रों और तथ्य छिपाकर पशुपालन विभाग में फार्मासिस्ट की नौकरी हासिल करना महंगा पड़ गया है। राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इस धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज कर लिया है। इस मामले में पशुपालन विभाग के तत्कालीन निदेशक और पटवारी पर भी आरोप लगे हैं, जिन्होंने उसे गलत दस्तावेजों के आधार पर अनुचित लाभ पहुंचाया था।

विजिलेंस की जांच और आरोपों की पुष्टि

विजिलेंस को अनूप कुमार के खिलाफ शिकायत मिली थी कि उसने गलत दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल की है। प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद विजिलेंस ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर नियमानुसार कार्रवाई शुरू की। अनूप कुमार पर आरोप है कि उसने वार्ड ऑफ एक्ससर्विमैन के गलत प्रमाणपत्र के तहत पशुपालन विभाग में फार्मासिस्ट की नौकरी प्राप्त की। इसके लिए उसने झूठे प्रमाणपत्र और तथ्य छिपाए, जबकि उसके पिता पहले से ही सरकारी नौकरी में थे।

तत्कालीन निदेशक और पटवारी पर भी कार्रवाई

अनूप कुमार को इस धोखाधड़ी में मदद करने के आरोप में पशुपालन विभाग के तत्कालीन निदेशक और पटवारी पर भी केस दर्ज किया गया है। इन अधिकारियों ने अनूप कुमार को गलत दस्तावेजों के सहारे अनुचित लाभ पहुंचाने का काम किया। तत्कालीन निदेशक के खिलाफ कार्रवाई विभागीय सचिव से अनुमति प्राप्त करने के बाद ही की गई।

आरोपों के तहत दर्ज धाराएं

आरोपी अनूप कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120बी (आपराधिक साजिश) और पशुपालन विभाग के तत्कालीन निदेशक और पटवारी के खिलाफ आईपीसी एक्ट के तहत विजिलेंस पुलिस थाना मंडी में केस दर्ज किया गया है। राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मध्य जोन के एसपी कुलभूषण वर्मा ने कहा कि मामले में नियमानुसार जांच जारी है। यह मामला पहली जुलाई से पहले का है। ऐसे में इस मामले में पुराने कानून के अनुसार ही कार्रवाई अमल पर लाई जा रही है।