Himachal : दियोटसिद्ध मंदिर में बाबाजी के भक्तों के लिए खुलेगा लंगर
हमीरपुर । उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध (Baba Balak Nath Temple Deotsidh) में मंदिर का लंगर श्रद्धालुओं के लिए न खुलने के कारण भक्त लंगर के प्रसाद से महरूम रह रहे हैं। जबकि प्रदेश के अन्य जिलों के मंदिरों मेंं लंगर खुलने शुरू हो गए हैं। ऐसे में बाबा के दर आने वाले श्रद्धालुओं में मायूसी देखी जा रही है। इस खबर को विगत दिवस प्रमुखता से प्रकासित किया था। खबर छपने के बाद मंदिर न्यास प्रशासन (Temple Trust Administration) ने हरकत में आकर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लंगर को खोलने का निर्णय लिया है।
मंदिर न्यास अध्यक्ष एवं एसडीएम बड़सर (SDM Barsar) शशीपाल शर्मा Shashi Pal Sharma) ने कहा कि न्यास द्वारा संचालित लंगर को श्रद्धालुओं की सुविधा हेतू तीन दिसंबर से कोविड (Cowid) नियमों का पालन करते हुए खोलने का निर्णय लिया गया है। लंगर पूर्व की भांति समयानुसार खोला जाएगा। इस साथ ही बाबाजी (BABA Ji) की गुफा में रोट प्रसाद का भोग लगाने की स्वीकृति प्रदान करने के साथ साथ बाबाजी का धूना भी दर्शनों के लिए खोल दिया है।
मंदिर में दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड (Cowid) नियमों का पालन करना होगा। इस के साथ ही मंदिर में दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से मंदिर न्यास प्रशासन ने अनुरोध किया है कि जिन श्रद्धालुओं ने कोविड -19 की दूसरी डोज नहीं लगाई है। उनकी सुविधा के लिए मंदिर न्यास (Temple Trust) द्वारा स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से मंदिर (Temple) परिसर में कंटीन नं. एक के पास व न्यास आर्युवैद्विक चिकित्सालय में कोविड वैक्सीन (Cowid Vaccine) लगवाने की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालु कोविड -19 (Cowid) की दूसरी डोज लगवाने के उपरांत ही बाबाजी के दर्शन करें।
गौर रहे कि दियोटसिद्ध (Deotsidh) में बाबा के दर शीश नवाने के लिए आने वाला हर श्रद्धालु बाबा के लंगर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करता था। इसी तरह मंदिर के अंदर बाबा के धूने को भी अभी तक नहीं खोला गया था। वैसे बात तो हैरान करने वाली थी, कि जब मंदिर में भक्तों की एंट्री नियमित हो रही थी। सराय और होटल ढाबे सब खुले थे, तो लंगर को बंद करने का क्या औचित्य। जबकि बीच बीच में मंदिर (Temple) में ड्यूटी के लिए आने वाले होमगाड्र्स आदि के लिए लंगर में भोजन की व्यवस्था की जा रही थी।
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यही नहीं पिछले दिनों यहां एक संगठन के कार्यक्रम के दौरान भी मंदिर में काफी संख्या में लोगों के लिए भोजन बनाया गया था। ऐसे में लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी थी कि बाबा के लंगर में बनने वाला जो भोजन श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है, उसे क्यों शुरू नहीं किया जा रहा। दियोटसिद्ध मंदिर (Deotsidh Temple) में हिमाचल के अलावा पड़ोसी राज्य पंजाब सहित अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु आते हैं। शनिवार और रविवार को आंकड़ा 10-15 हजार के आसपास होता है, जबकि रूटीन में संख्या एक हजार तक रहती है।
उधर दियोटसिद्ध मंदिर न्यास (Deotsidh Temple Trust) के अध्यक्ष एवं एसडीएम बड़सर (SDM Barsar) शशिपाल शर्मा (Shashi Pal Sharma) ने बताया कि लंगर को श्रद्धालुओं की सुविधा हेतू तीन दिसंबर से कोविड (Cowid) नियमों का पालन करते हुए खोलने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बाबाजी का धूना भी दर्शनों के लिए खोल दिया है।