कश्मीर की तरह मशहूर हुआ Palampur Tulip Garden, फूलों को देखने पहुंच रहे पर्यटक 

पालमपुर में ट्यूलिप गार्डन (Tulip Garden Of Palampur) की सुंदरता को निहारने के लिए बड़ी संख्या में स्वदेशी पर्यटक इन दिनों पालमपुर पहुंचने रहे हैं।
 

पालमपुर। पालमपुर में ट्यूलिप गार्डन (Tulip Garden Of Palampur) की सुंदरता को निहारने के लिए बड़ी संख्या में स्वदेशी पर्यटक इन दिनों पालमपुर पहुंचने रहे हैं। कश्मीर के बाद पालमपुर में देश का दूसरा ट्यूलिप गार्डन इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी (CSIR IHBT) द्वारा विकसित किया गया है। यह ट्यूलिप गार्डन (Tulip Garden Of Palampur) पूरी तरह से स्वदेशी ट्यूलिप पौधों से विकसित किया गया है। 


हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में इसकी पौध को तैयार किया गया। ट्यूलिप गार्डन (Tulip Garden Of Palampur) देखने आए हुए पर्यटकों अनिल, सुमित, रोहित, प्रियंका ने कहा कि उन्हें यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। पहले ट्यूलिप गार्डन (Kashmir Tulip Garden) को देखने के लिए श्रीनगर जाना पड़ता था। संस्थान के द्वारा बहुत सराहनीय कार्य किया गया है। धौलाधार की वादियों में ट्यूलिप गार्डन ने चार चांद लगा दिए हैं।


देश में ट्यूलिप के फूलों की काफी मांग

CSIR IHBT वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. भव्य भार्गव ने बताया कि देश में ट्यूलिप बल्ब का हम विदेशों से आयात करते हैं और यहां पर ट्यूलिप बल्ब के लगाने पर काफी समस्या होती थी। लेकिन संस्थान ने प्रदेश के लौहाल स्पीति में पिछले 5 वर्षो में शोध कर ट्यूलिप के बल्ब यहां कि जलवायु तैयार कर सफलता हासिल की है। देश में ट्यूलिप के फूलों की काफी मांग रहती है।

ट्यूलिप की 11 किस्मों के 50 हजार के करीब पौधे

अगर किसान इनको अपने खेतों में लगाता है तो उनकी आमदनी में काफी वृद्धि होगी। डॉ. भव्य भार्गव ने कहा कि ट्यूलिप गार्डन का यह दूसरा वर्ष है और इस बार ट्यूलिप की 11 किस्मों के 50 हजार के करीब पौधे लगाए गए हैं। अब तक 1 लाख के करीब लोग ट्यूलिप गार्डन को निहार चुके हैं ।