चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रलोभन पर मिलती है यह सजा, जानें क्या हैं कानूनी प्रावधान
धर्मशाला। आपने हमेशा देखा होगा कि चुनावों के दौरान मतदाताओं को रिझाने के लिए प्रत्याशी कई तरह के हथकंड़े अपनाते हैं। मतदाताओं को धन के प्रलोभन देने के साथ ही कई तरह के उपहार भी दिए जाते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि चुनाव के दौरान मतदाताओं को किसी भी तरह की प्रलोभन अथाव उपहार देना कानूनी जुर्म है। इसमें प्रलोभन लेने और देने यानी दोनों को ही सजा मिल सकती है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 171 ख के अनुसार यदि कोई व्यक्ति चुनाव प्रक्रिया के दौरान धनराशि या अन्य किसी प्रकार का पारितोषिक प्राप्त करता है या पारितोषण देता है, जो किसी व्यक्ति के मतदान करने के अधिकार में प्रभाव डालता हो, को एक साल के कारावास या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
इसके अतिरिक्त भारतीय दंड संहिता की धारा 171 ग के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी अभ्यर्थी या मतदाताओं को या किसी ऐसे व्यक्ति को, जिससे अभ्यर्थी या मतदाता हितबद्ध है। किसी प्रकार की क्षति करने की धमकी देता है उसको एक साल के कारावास और जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
रिश्वत लेने और देने वालों दोनों के खिलाफ, मतदाताओं को डराने और धमकाने में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध मामला दर्ज करने के लिए प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्रों में उड़नदस्ता दलों का गठन किया जात है। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने कहा कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के संचालन के लिए समाज के सभी घटकों का सहयोग अपेक्षित है।
उन्होंने सभी नागरिकों से अनुरोध किया कि वह निर्वाचन के दौरान किसी भी प्रकार की रिश्वत लेने व देने से बचें। यदि कोई भी व्यक्ति रिश्वत देता है या रिश्वत देने जाने पर कोई जानकारी रखता है तथा मतदाताओं को डराने और धमकाने में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध मामलों के संबंध में सूचना शिकायत जिला कांगड़ा स्थित धर्मशाला में स्थापित जिला स्तरीय अनुवीक्षण प्रकोष्ठ में दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आदर्श चुनाव संहिता की अनुपालना हेतु जिला भर में व्यय निगरानी के लिए टीम का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में स्टेटिक सर्वेलांस टीम, उड़न दस्ता और पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि इस दौरान बिना वैध प्रमाण के 50 हजार से अधिक नकदी और अन्य आपत्तिजनक सामान को गाड़ी में रखना और साथ ले जाने पर जब्त कर लेने का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि आदर्श चुनाव संहिता के उल्लंघन या निष्पक्ष चुनावों के संचालन में कोई व्यक्तिध्समूह बाधा डालता है या मतदाताओं को प्रभावित करता है तो उसकी शिकायत सी-विजिल ऐप के माध्यम से भी की जा सकती है।