Himachal Election : पालमपुर विधानसभा में 40 साल से बुटेल फैमिली का दबदबा, क्या कायम रहेगा ?
पालमपुर। हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Pradesh Vidhansabha Election) 2022 का एलान हो चुका है। 12 नवंबर को हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Chunav 2022) के चुनाव के लिए मतदान होगा। प्रदेश में सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। सभी राजनीतिक दल पूरी तरह से सक्रिय हो गए है और जोर-शोर प्रचार में जुटे हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है।
हिमाचल प्रदेश में अब तक की राजनीति में कांग्रेस और भाजपा का ही सत्ता पर कब्जा रहा है। मगर इस बार आम आदमी पार्टी ने भी चुनावी मैदान में दस्तक दे दी है। राजधानी दिल्ली और पंजाब में शानदार जीत हासिल करने के बाद अब आम आदमी पार्टी पहाड़ चढ़ने के कोशिश में है। अब जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, वैसे-वैसे विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में बड़े-बड़े नेताओं का आना-जाना शुरू हो चुका है।
चुनाव वर्ष | सदस्य | पार्टी |
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1967 | कुंज बिहारी लाल बुटेल | कांग्रेस |
1972 | कुंज बिहारी लाल बुटेल | कांग्रेस |
1977 | सरवन कुमार | जनता पार्टी |
1982 | सरवन कुमार | भाजपा |
1985 | बृज बिहारी लाल बुटेल | कांग्रेस |
1990 | शांता कुमार | भाजपा |
1993 | बृज बिहारी लाल बुटेल | कांग्रेस |
1998 | बृज बिहारी लाल बुटेल | कांग्रेस |
2003 | बृज बिहारी लाल बुटेल | कांग्रेस |
2007 | परवीन कुमार | भाजपा |
2012 | बृज बिहारी लाल बुटेल | कांग्रेस |
2017 | आशीष बुटेल | कांग्रेस |
वहीं, जिला सत्ता की चाबी अपने हाथ में रखने वाले जिला कांगड़ा में भी सियासी पारा काफी चढ़ चुका है। ऐसे में हमारी कोशिश है कि कांगड़ा जिले के हर विधानसभा क्षेत्र के बारे में आपको जानकारी दें। कांगड़ा जिले की पालमपुर विधानसभा सीट (Palampur Vidhansabha Seat) एक ऐसी सीट है, जिस पर भाजपा (जनता पार्टी के समय) मात्र चार बार जीत दर्ज कर पाई है, पालमपुर विधानसभा सीट पर अधिकतर समय के लिए कांग्रेस या यूं कहें कि बुटेल परिवार का (Dominance of the Butell family) ही कब्जा रहा है।
साल 2017 चुनाव में इस सीट पर भारतीय कांग्रेस के आशीष बुटेल विधायक चुने गए थे। पालमपुर सीट कांगड़ा की काफी अहम सीट है। साल 2017 में आशीष बुटेल ने भाजपा नेत्री इंदु गोस्वामी को 4,324 वोटों से हराया था। वहीं इससे पहले 2012 में भी कांग्रेस के बृज बिहारी लाल बुटेल ने जीत हासिल की थी। इस सीट से बृज बिहारी लाल पांच बार विधायक चुने गए हैं। ऐसे में अब इस सीट पर भाजपा अपनी जीत पक्की करने की कोशिश में है।
पालमपुर सीट का जातीय समीकरण
बात करें, इस सीट के जातीय समीकरण की तो, पालमपुर विधानसभा सीट में सबसे ज्यादा ब्राह्माण, राजपूत और पिछड़ा वर्ग व गद्दी समुदाय के मतदान हैं। इस सीट पर पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर ही है। चुनाव के दौरान महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं। ऐसे में यह माना जाता है कि पालमपुर विधानसभा सीट पर महिलाएं ही जीत और हार का फैसला करती हैं। इस बार जनता किसे अपना बहुमत देती है, देखना दिलचस्प होगा।
पालमपुर की जनता के अहम मुद्दे
पालमपुर सीट पर सबसे बड़ा मुद्दा पार्किंग की सुविधा नहीं होना है। पार्किंग नहीं होने के कारण यहां लोगों को काफी परेशानी होती है। जनता का कहना है कि सरकार कोई भी बने, लेकिन इस समस्या पर किसी से समाधान नहीं निकला। वहीं कई जगहों पर सड़क सुविधा भी बेहतर नहीं है, ऐसे में लोगों को सफर के दौरान भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब आने वाले चुनाव में इस सीट पार्टी किसे उतारी है और किसकी जीत होती है।