जज्बे को सलाम! हिमाचल के इस गांव में 75 साल में पहली बार आजादी का जश्न

हिमाचल प्रदेश का एक ऐसा गांव भी है जहां 75 वर्ष में पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। पहली बार प्रशासनिक अमला इस गांव में पहुंचा और गांव के लोगों के साथ मिलकर स्वतंत्रता दिवस का अमृत महोत्सव मनाया। यह गांव है हिमाचल के जिला कांगड़ा के बैजनाथ उपमंडल का। जिला की सबसे दुर्गम पंचायत
 

हिमाचल प्रदेश का एक ऐसा गांव भी है जहां 75 वर्ष में पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। पहली बार प्रशासनिक अमला इस गांव में पहुंचा और गांव के लोगों के साथ मिलकर स्वतंत्रता दिवस का अमृत महोत्सव मनाया। यह गांव है हिमाचल के जिला कांगड़ा के बैजनाथ उपमंडल का। जिला की सबसे दुर्गम पंचायत बड़ा भंगाल में तिरंगा फहराने के लिए प्रशासनिक अमला गया हुआ था। जो 76 किलोमीटर पैदल चलकर गांव में पहुंचा था।

आजादी के 75 साल में पहली बाहर यहां स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाने के बाद 40 सदस्सीय प्रशासनिक दल वापस बैजनाथ लौट आया है। प्रशासनिक दल में 10 पुलिस जवान और सरकारी विभागों के 30 अन्य प्रतिनिधि शामिल रहे। यह दो टीमों में अलग-अलग रास्तों से 11 अगस्त को बड़ा भंगाल रवाना हुए थे। 76 किलोमीटर का पैदल सफर तय करने के बाद एसडीएम सलीम आजम ने बड़ा भंगाल की दुश्वारियां भी गिनाईं। एसडीएम आजम कहते हैं कि बड़ा भंगाल में बिजली और घरों में पानी की सप्लाई भी नहीं है। लोग पानी के प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर है।

संपर्क करने के लिए एक सेटेलाइट फोन पंचायत सचिव के पास रहता है। फोन से बात करने पर एक कॉल के 30 रुपये लगते हैं। बड़ा भंगाल को चम्बा के होली से जाने वाला रास्ता बहुत कठिन है। एक भी कदम गलत रखने से व्यक्ति सीधे रावी नदी में समा सकता है। वहां रास्ते के नाम पर कुछ भी नहीं है। कहते हैं कि प्रशासनिक अमला बड़ा भंगाल पंचायत के लोगों के मार्गदर्शन के कारण ही वहां तक पहुंच सका है। चम्बा जिला के होली के नया ग्रां से बड़ा भंगाल की दूरी 47 किमी और छोटा भंगाल के बड़ा ग्रां से 76 किमी है।

 

पहली बार स्वतंत्रता दिवस का जश्न

प्रशासनिक टीम का लोगों ने भव्य स्वागत किया और स्वतंत्रता दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। बड़ा भंगाल के लोगों ने आजादी के बाद से पहली बार बड़ा भंगाल में इस प्रकार का समारोह आयोजित करने के लिए जिलाधीश और एसडीम सलीम आजम का आभार व्यक्त किया है। बड़ा भंगाल में सोलर लाइट की व्यवस्था करने के साथ-साथ पैदल रास्ते की मरम्मत का कार्य किया जाएगा। इन कार्यों के लिए एसडीएम सलीम आजम के आग्रह पर जिलाधीश ने 15 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।

 

दुर्गम रास्तों पर पैदल किया सफर

चम्बा के होली से बड़ा भंगाल गई प्रशासनिक टीम ने पहली रात नया ग्रां में गुजारी। इसके दूसरे दिन पैदल सफर किया। दूसरी रात धारड़ी में गुजारी और तीसरे दिन देर शाम को बड़ा भंगाल पहुंच सके। इसी प्रकार छोटा भंगाल के बड़ा ग्रां से बड़ा भंगाल गई टीम ने पहली रात परनोहटू और दूसरी रात 15 हजार 500 फीट ऊंचे थमसर जोत को पार करने के बाद मढ़ी में गुजारी। तब जाकर तीसरे दिन देर शाम को बड़ा भंगाल पहुंच सके।