धौलाधार क्लीनर्स का महा अभियान, ताकि बनी रहे पहाड़ों की सुंदरता
सोशल मीडिया (Social Media) भी हिमाचल की रोमांचक और सुंदर तस्वीरों से भरा पड़ा है। मगर इन रोमांचक और सुंदर तस्वीरों का दूसरा पहलू हमें सोशल मीडिया पर नहीं दिखाई देता है।
धर्मशाला। ट्रेकिंग (Trekking) के लिए हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh), देश और दुनिया भर में मशहूर है। हिमाचल प्रदेश ट्रेकिंग (Trekking Place in Himachal) के लिए लोगों की सबसे पसंदीदा जगह में से एक है। साल भर ट्रैकिंग का शौक रखने वाले लोगों का आना-जाना लगा रहता है। सोशल मीडिया (Social Media) भी हिमाचल की रोमांचक और सुंदर तस्वीरों से भरा पड़ा है। मगर इन रोमांचक और सुंदर तस्वीरों का दूसरा पहलू हमें सोशल मीडिया पर नहीं दिखाई देता है। दूसरा पहलू है हिमाचल के ट्रेकिंग (Trekking Place in Himachal) स्थालों पर पसरी गंदगी।
हालांकि सैलानियों (Tourist) की बढ़ती तादाद के चलते शहरी पर्यटन स्थलों (Tourist Places of Himachal) में तो प्रशासन सफाई व्यवस्था का ध्यान रखता है। मगर यह सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक सीमित रहता है। जो इलाके प्रशासन (Administration) की पहुंच से बाहर हैं, वहां पर सफाई की जिम्मेवारी कोई नहीं लेता। जिन ट्रेकिंग स्थलों पर देश-विदेश से आने वाले पर्यटक समय बिताते हैं, वहां आपको कचरे के ढेर मिल जाएंगे। पर्यटन स्थलों पर कचरे के रूप में आपको शराब की बोतल, चिप्स-कुरकुरे और टॉफियों व नूडल्स के रैपर बड़ी मात्रा में फेंके हुए हैं। यह किसी और ने नहीं बल्कि पर्यटकों और स्थानीय लोगों के कारण इन स्थलों पर पहुंचे हैं।
इसी तरह की गंदगी हिमाचल के पर्यटन नगरी धर्मशाला की पहाड़ियों में भी देखने को मिल जाएगी। जब यह गंदगी धर्मशाला (Dharamshala) के स्थानीय लोगों को अखरी तो उन्हें इसे साफ करने का बीड़ा उठाया। धर्मशाला निवासी अरविंद शर्मा ने वर्ष 2019 में धौलाधार क्लीनर्स (Dhauladhar Cleaners) नाम का एक ग्रुप बनाया और निकले पड़े पर्यटन स्थलों का कचरा साफ करने। अब धौलाधार क्लीनर्स से जुड़े लोग हर रविवार को अपने आसपास की जगह की सफाई करते हैं। धीरे-धीरे स्थानीय लोगों को भी धौलाधार क्लीनर्स का साथ मिलता गया। उन्होंने न केवल पहाड़ों में जाकर कचरे को एकत्रित किया बल्कि स्थानीय लोगों को कचरे से होने वाले नुकसान के बताते हैं।
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धौलाधार क्लीनर्स के प्रबंधक वरुण बताते हैं कि धौलाधार क्लीनर्स (Dhauladhar Cleaners) धर्मशाला (Dharamshala) के ट्रेकिंग स्थल करेरी और त्रियुंड में अब तक हजारों किलो प्लास्टिक समेत अन्य कचरा एकत्रित कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि करेरी और त्रियुंड में ट्रेकिंग कैंप के दौरान ही इस कचरे का एकत्रित किया जाता है और इसे धर्मशाला में कचरे और कबाड़ वालों को दे दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस बार 23-24 को दो दिवसीय ट्रेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान भी जहां ठठारना में सफाई अभियान चलाया जाएगा, वहीं लोगों को स्वच्छता के प्रति भी जागरुक किया जाएगा।