HP Assembly Session : शराब दुकानों के आवंटन पर हंगामा, विपक्ष का वाकआउट, न्यायिक जांच की मांग

हिमाचल प्रदेश में शराब दुकानों के आवंटन को लेकर  विधानसभा सदन में खूब हंगामा हुआ। भाजपा विधायकों ने मामले की न्यायिक जांच मांगते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। भाजपा ने एक साल में 100 करोड़ रुपये का राजस्व कम होने का हवाला देते हुए शराब घोटाले का आरोप लगाया।
 

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को शराब दुकानों के आवंटन को लेकर भारी हंगामा हुआ। भाजपा विधायकों ने मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। भाजपा ने आरोप लगाया कि पिछले एक साल में 100 करोड़ रुपये का राजस्व कम हुआ है और इसके लिए कांग्रेस सरकार की नई आबकारी नीति को जिम्मेदार ठहराया।

भाजपा के आरोप और वाकआउट

भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने प्रश्नकाल के दौरान आरोप लगाया कि प्रदेश में आबकारी नीति में बदलाव कर बड़े पैमाने पर शराब घोटाला किया गया है। उन्होंने कहा कि पांच आबकारी जिलों, शिमला, कांगड़ा, नूरपुर, चंबा और ऊना में रिजर्व प्राइज से कम बोली लगाई गई, जिससे सरकारी संरक्षण में घोटाला होने का शक पैदा होता है। भाजपा ने आरोप लगाया कि वर्ष 2023-24 और 2024-25 के बीच लगभग 100 करोड़ रुपये का राजस्व कम प्राप्त हुआ है, और शराब की दुकानों में तय मूल्य से अधिक दाम पर शराब बेची जा रही है।

मुख्यमंत्री सुक्खू का पलटवार

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भाजपा के आरोपों को नकारते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने शराब दुकानों का आवंटन पूरी पारदर्शिता के साथ नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से किया है। उन्होंने बताया कि 2023-24 में 485.18 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि भाजपा सरकार के पिछले पांच सालों में कुल 665.42 करोड़ रुपये का ही राजस्व प्राप्त हुआ था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि भाजपा विधायक इस मामले में लिखित रूप से जांच की मांग करेंगे तो उस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए आरोप लगाने का आरोप लगाया और कहा कि पिछली भाजपा सरकार की नीतियों के कारण ही प्रदेश को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

जयराम ठाकुर का सुक्खू सरकार पर आरोप

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर बड़े ठेकेदारों के साथ सांठ-गांठ कर शराब घोटाला करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने जानबूझकर शराब के ठेकों की यूनिट का साइज बढ़ाया, जिससे छोटे व्यापारी टेंडर प्रक्रिया से बाहर हो गए और बड़े ठेकेदारों को फायदा हुआ। ठाकुर ने कहा कि सरकार की मिलीभगत के कारण कई जगहों पर रिजर्व प्राइज से कम में टेंडर आवंटित हुए और इसे निरस्त नहीं किया गया, जो एक बड़ा घोटाला है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।

मुख्यमंत्री सुक्खू का जवाब

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान राजस्व कम क्यों हुआ, इसका जवाब पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा के आरोप बेबुनियाद हैं और कांग्रेस सरकार ने शराब के ठेकों की नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से अंजाम दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल भी राज्य को अच्छा राजस्व प्राप्त होगा और भाजपा के समय की तुलना में कांग्रेस सरकार ने बेहतर काम किया है।