हिमाचल में स्कूली बच्चों के लिए बड़ा ऐलान, साढ़े आठ लाख बच्चों को मिलेगी स्वच्छ पानी की बोतल

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने बजट में स्कूली बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए नए प्रावधान किए हैं। इसके तहत सुक्खू सरकार स्कूलों में बच्चों को स्वच्छ पानी की बोतल मुहैया करवाएगी।

 

शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने बजट में स्कूली बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए कई नए प्रावधान किए हैं। अब प्रदेश सरकार स्कूलों में बच्चों को स्वच्छ पानी की बोतल मुहैया करवाएगी। इसके अलावा दूर के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को घर तक छोड़ने की व्यवस्था करेगी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि देश के दो तिहाई जिले पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। बच्चों को पीने के लिए साफ पानी उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाएगा। 


इस कड़ी में प्रदेश के सरकारी स्कूलों के साढ़े आठ लाख बच्चों को स्वच्छ पानी की बोतल दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के जिन क्षेत्रों में 3 से 5 किलोमीटर के दायरे में कोई प्राथमिक स्कूल नहीं हैं, वहां के बच्चों को नजदीक के स्कूल तक लाने और वापिस घर छोड़ने की व्यवस्था भी सरकार द्वारा की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि 500 से अधिक बच्चों वाले स्कूलों में स्वयं सहायता समूहों को मिड-डे मील के तहत भोजन बनाने और परोसने में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

सोलन के कंडाघाट में खुलेगा दिव्यांगों के लिए संस्थान

मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनो की उच्च शिक्षा के लिए सोलन जिला के कंडाघाट में एक सेंटर आफ एक्सलेंस फॉर एजूकेशन ऑफ दिव्यांगजन की स्थापना का भी ऐलान किया है। शिमला के उपनगर ढली में चल रहे दिव्यांगजनों के संस्थान को भी इसी केंद्र में स्थानांतरित किया जाएगा। इस केंद्र में 27 साल तक की आयु के दिव्यांगों के लिए आवासीय सुविधाएं, खेल मैदान और अन्य सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पात्र दिव्यांग बच्चों के लिए रहने की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी, उन्हें रहने के लिए किराये में आर्थिक मदद दी जाएगी।


विधवाओं के बच्चों की शिक्षा का खर्च देगी सरकार

बजट में मुख्यमंत्री सुख-शिक्षा योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत विधवाओं के बच्चों के उच्च शिक्षा का खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी। मुख्यंत्री ने बजट भाषण में कहा कि ऐसी सभी विधवाओं के 27 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों, जिनकी सभी स़्त्रोतों से वार्षिक आय एक लाख रूपये से कम हो, उनकी शिक्षा पर होने वाला खर्च प्रदेश सरकार उठाएगी। इन बच्चों को मेडिकल कॉलेज, इंजीनिरिंग कालेज, एनआईटी, आईआईएम, आईआईटी, नर्सिंग, स्नातक व स्नातकोतर पाठयक्रमों में प्रवेश मिलने पर यह सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा विधवा, निराश्रित, तलाकशुदा और अक्षम माता-पिता के सभी पात्र बच्चों के आरडी खाते में 18 वर्ष की आयु तक एक हजार रूपये प्रति माह दिए जाएंगे।