Himachal News : दियोटसिद्ध Temple में चैत्र माह मेलों का आगाज, मंदिर परिसर पौणाहारी व दूधाधारी के जयकारों से गूंज उठा
हमीरपुर । पौणाहारी की जय, दुधाधारी की जय और जय बाबे के उद्घोष शंख धवनी व मंत्रों के बीच उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध (Baba Balak Nath Temple Deotsidh) में एक माह तक चलने वाले चैत्र माह मेले का झंडा चढ़ाने की रस्म के साथ विधिवत रूप से आरंभ हो गया है। यह चैत्र माह मेला 14 मार्च से लेकर 13 अप्रैल तक चलेगा। चैत्र माह मेलो में चलने वाले इन मेलो का मुख्य उदेश्य भगवान भोले नाथ के कलयुगी अवतार को अपना नमन करना व उन्हें नई फसले चढ़ा कर उनसे आर्शिवाद प्राप्त करना होता है।
झंडा रस्म और अन्य परंपराओं के निर्वहन के बाद जिलाधीश अमरजीत सिंह ने मंदिर परिसर में विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा मेलों के संचालन के संबंध में अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए। अमरजीत सिंह ने बताया कि चैत्र मास मेलों के दौरान बाबा बालक नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। इस दौरान मंदिर को 24 घंटे खुला रखने का निर्णय लिया गया है। मंदिर परिसर में सुरक्षा, सफाई व्यवस्था, बिजली-पानी, चिकित्सा, लंगर, पार्किंग और अन्य सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। दियोटसिद्ध के आस-पास की सभी सडक़ों पर यातायात सुचारू बनाए रखने के लिए भी पर्याप्त संख्या में पुलिस और होमगार्ड्स की तैनाती की गई है। जिलाधीश ने कहा कि मंदिर परिसर को इस बार विशेष रूप से सजाया गया है तथा पूरे दियोटसिद्ध क्षेत्र में सफाई और यातायात व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए स्थानीय संगठनों एवं संस्थाओं तथा वालंटियर्स की मदद भी ली जा रही है।
उन्होंने बताया कि 14 अप्रैल को आधिकारिक रूप से चैत्र मास मेले की समाप्ति के बाद भी दियोटसिद्ध में जून के आखिरी हफ्ते तक श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है। इसलिए मंदिर परिसर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में इसी अवधि के अनुसार प्रबंध किए गए हैं। इस अवसर पर जिलाधीश ने बाहर से बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं से भी बातचीत की और मंदिर परिसर में उपलब्ध करवाई जा रही विभिन्न सुविधाओं के संबंध में फीडबैक लिया। वहीं चैत्र मास के मेले को लेकर मंदिर परिसर को फूल मालाओं से सजाया गया था व इन फूल मालाओं से मंदिर की सुंदरता देखते ही बन रही थी। चैत्र मास मेले के पहले दिन मंदिर में हिमाचल के अलावा दिल्ली, पंजाब व अन्य राज्यों से आए श्रद्धालुओं की भीड़ रही।