Himachal News : 360 डिग्री प्रोग्रेस कार्ड से विद्यार्थियों की हर गतिविधि पर रहेगी नजर

स्कूल शिक्षा बोर्ड हर विद्यार्थी का होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड तैयार करेगा। इस प्रोग्रेस कार्ड के माध्यम से विद्यार्थी की खेल, सांस्कृतिक, सामाजिक और हर विषय में पढ़ाई को लेकर क्या रुझान है, सब कुछ इस में दर्शाया जाएगा।
 

धर्मशाला ।  हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में अब विद्यार्थियों की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए 360 डिग्री प्रोग्रेस कार्ड की व्यवस्था की जा रही है। यह कार्ड नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों के संपूर्ण विकास का डेटा संकलित करेगा। इस कार्ड के माध्यम से शिक्षक किसी भी विद्यार्थी की शैक्षिक, खेल, सांस्कृतिक, और सामाजिक गतिविधियों का मूल्यांकन कर सकेंगे। यह पहल नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अंतर्गत शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों का होलिस्टिक विकास सुनिश्चित करना है।

शिक्षा बोर्ड हर विद्यार्थी के लिए इस प्रकार का प्रोग्रेस कार्ड तैयार करेगा, जिससे न केवल उनकी अकादमिक प्रगति बल्कि उनकी अन्य क्षमताओं का भी आकलन हो सकेगा। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड हर विद्यार्थी का होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड तैयार करेगा।  जिसके तहत प्रत्येक विद्यार्थी की खेल, सांस्कृतिक, सामाजिक और शैक्षणिक गतिविधियों का समग्र आकलन किया जाएगा। इस प्रोग्रेस कार्ड में विद्यार्थियों के विभिन्न रुझानों को शामिल किया जाएगा, जिससे शिक्षकों को विद्यार्थियों की क्षमताओं और विकास का बेहतर ज्ञान होगा।

इस कार्ड का एक महत्वपूर्ण लाभ यह होगा कि यदि किसी अध्यापक का तबादला होता है, तो नया अध्यापक 360 डिग्री प्रोग्रेस कार्ड की मदद से छात्र की प्रतिभा का अनुमान लगा सकेगा और उसकी पढ़ाई को उसी के अनुसार व्यवस्थित कर सकेगा। यह प्रणाली न केवल छात्रों के विकास में मदद करेगी, बल्कि शिक्षकों के लिए भी एक उपयोगी संसाधन बनेगी, जिससे वे बेहतर और अधिक व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान कर सकेंगे । ​

उधर, स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने जानकारी दी है कि नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों के 360 डिग्री होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड बनाए जाएंगे।  इन कार्डों में नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के हर विषय की रिपोर्ट शामिल होगी, साथ ही विद्यार्थियों के सामाजिक, खेलकूद और अन्य क्षेत्रों में रुझान को भी दर्ज किया जाएगा। 

बोर्ड की प्रबंधन टीम ने इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया है, जिससे कि यह प्रणाली जल्द ही लागू की जा सके। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों के समग्र विकास को प्रोत्साहित करना और शिक्षकों को एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करना है, जिससे वे छात्रों की क्षमताओं का बेहतर आकलन कर सकें​