हिमाचल में आफत की बारिश: बाढ़ का खतरा, सड़कों पर भूस्खलन, जनजीवन थमा
धर्मशाला/शिमला। हिमाचल प्रदेश में 13 से 16 अगस्त तक भारी बारिश के कारण येलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला, और सिरमौर जिलों में बाढ़ की चेतावनी दी गई है। इस दौरान प्रदेश में 288 सड़कें और पांच नेशनल हाईवे बंद हो चुके हैं, जिससे कई क्षेत्रों का संपर्क टूट गया है।
ऊना जिले के रक्कड़ कॉलोनी में भारी बारिश के कारण सड़क पर बहता पानी कॉलोनी में घुस गया, जिससे इलाके के लगभग 40 मकान जलमग्न होने से बचे हैं। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता विजय डोगरा ने प्रशासन से पानी की निकासी की समस्या का समाधान करने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न बने।
कांगड़ा जिले में हो रही भारी बारिश से जिले में नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे लोगों में भय का माहौल है। जयसिंहपुर स्थित एसडीएम कार्यालय का परिसर बारिश के पानी से पूरी तरह भर गया है। जिले में कई जगहों पर भूस्खलन के कारण शिमला-मटौर फोरलेन सहित अन्य सड़कों पर यातायात बाधित हो गया है।
मंडी जिले में भारी बारिश से दो नेशनल हाईवे सहित 100 से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं। मंडी-कुल्लू एनएच जगह-जगह बाधित हो रहा है, जबकि धर्मपुर मंडी एनएच भी बंद है। भूस्खलन के चलते इन मार्गों को बहाल करने में समय लग सकता है। जिले में कई मकान और गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे लोगों को भारी नुकसान हुआ है।
किन्नौर जिले में भारी बारिश के कारण एनएच बंद हो गया है, जिससे स्पीति का प्रदेश से संपर्क टूट गया है। बादल फटने से काह कैंची में मलबा गिरा है, जिससे लोग पैदल चलने को मजबूर हैं। किन्नौर में निगुलसरी के पास एनएच-पांच पर 18 घंटे तक वाहनों की आवाजाही बंद रही।
शनिवार को कालका-शिमला, पांवटा-शिलाई और रामपुर-किन्नौर नेशनल हाईवे पर भी मलबा गिरने से यातायात प्रभावित हुआ। शिमला और धर्मशाला में रिमझिम बारिश का दौर जारी है, जबकि नाहन के अमरपुर मोहल्ले में घरों और दुकानों में पानी घुस गया है। जिले में कंडिया पंचायत की उपजाऊ भूमि बारिश के कारण बह गई है।
प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।