स्कूल निरीक्षण में सरताज बना हमीरपुर निरीक्षण विंग
हमीरपुर । हमीरपुर जिला के स्कूल निरीक्षण विंग की कार्यप्रणाली को प्रदेश में रोल मॉडल रूप में देखा जा रहा है। निरीक्षण प्रक्रिया में स्कूल निरीक्षण विंग हमीरपुर ने इस सत्र 714 निरीक्षण हुए। जिनमें 599 ऑनलाईन निरीक्षण 71 औचक निरीक्षण व 44 नियमित निरीक्षण शामिल थे, जिसमें अनेकों सराहनीय कार्यों का जिक्र भी शामिल किया गया। शिमला में 6 अक्तूबर को निदेशक उच्च शिक्षा व सह निदेशक स्कूल निरीक्षण ने जिला हमीरपुर निरीक्षण विंग उप निदेशक जगदीश कौशल की उस प्रस्तुति को खूब सराहा जिसमें कोविड के दौरान भी निरीक्षण कार्य को पूरी ऊर्जा से किया गया और नवाचार, प्रयोग और सराहनीय कार्य करने वाले शिक्षकों के कार्यों को प्रोत्साहित करने का जिक्र है।
बताते चलें कि बडियार स्कूल के शिक्षक अनिल कुमार व सज्जन कुमार ने अपने स्कूल में एक लाख सतासठ हज़ार कीमत के इंटेलीजेंट इंटरएक्टिव पैनल जनसहयोग व स्वयं दान करके खरीदा और इससे ऑनलाईन शिक्षा की तस्वीर बदल डाली। स्कूल का नामांकन भी इस प्रयोग से 30 से बढ़कर 90 के करीब हो गया और निरीक्षण विंग ने इनकी सराहना की। घंगोट स्कूल के टीजीटी कला शिक्षक विजय कुमार ने कोविड में कक्षा 6 से 10 की ई - पाठ योजनाएँ बनाकर देशभर में शेयर कीं व 1200 से अधिक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाईन शिक्षक कोर्स अनेकों भाषाओं में करने का वल्र्ड रिकॉर्ड दर्ज किया।
स्कूली बच्चों को रीड एलोंग एप से बच्चों को सही पढऩे में निपुण बनाया और पक्षी दाना पानी कोना, पक्षी आवास, भाषा संगम, भारत दर्शन, सांस्कृतिक कार्ड, विद्यार्थी पोर्टफोलियो जैसे नवाचार करके शिक्षा को प्रभावी बनाया। भोटा स्कूल के सीएचटी संदीप ने कबाड़ से जुगाड़ टीएलएम सीरीज़ बनाई और 5 मोबाईल स्वयं और 2 मोबाईल स्टाफ से दान करवाते हुए 20 बच्चों को ऑनलाईन शिक्षा से जोड़ा। हमीरपुर बाल स्कूल के टीजीटी शिक्षकों ने सभी विद्यार्थियों की प्रोफाईल्स बनाकर सबको ज़रूरत अनुसार पढ़ाया और विद्यार्थी प्रगति समीक्षा से जुड़े नवाचार किए।
उधर उप निदेशक हमीरपुर कौशल ने बताया कि कोविड उपरांत पहली बार निदेशक उच्च शिक्षा ने सारे शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों की बैठक लेकर हमीरपुर जिला के निरीक्षण विंग कार्य को परखते हुए इसे आदर्श व अनुकरणीय बताते हुए शिक्षकों के नवाचार व सराहनीय कार्यों की व्यापक प्रस्तुति बनाने हेतु कहा, ताकि प्रदेश के अन्य जिलों को भी इस तरह की प्रेक्टिस करने हेतु प्रेरित किया जा सके।