अब मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में होंगे टूटी रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन
स्पाइनल सर्जरी के लिए अब जिला और आसपास के जिलों के मरीजों को मेडिकल कॉलेज टांडा या आईजीएमसी शिमला नहीं जाना पड़ेगा
हमीरपुर। अब डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर में ही टूटी हुई रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन होंगे। स्पाइनल सर्जरी के लिए अब जिला और आसपास के जिलों के मरीजों को मेडिकल कॉलेज टांडा या आईजीएमसी शिमला नहीं जाना पड़ेगा। मंगलवार को अस्पताल में रीढ़ की हड्डी का पहला सफल ऑपरेशन हड्डी रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय ठाकुर और एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. मंजीत कंवर की टीम ने किया।
इस सफल ऑपरेशन के दौरान मरीज की स्पाइन में स्क्रू और रॉड डाली गई है। दो दिन बाद महिला अपने पैरों पर खड़ी होगी। मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में छत से गिरी 62 वर्षीय महिला उपचार के लिए पहुंची थी। चिकित्सकों को दिखाने पर उसकी रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर पाया गया। इस पर डॉ. संजय और डॉ. मंजीत ने मरीज का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया और जरूरी उपकरण मंगवाकर इसका सफल ऑपरेशन किया।
अब रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन के लिए जिला हमीरपुर समेत साथ लगते मंडी जिला के धर्मपुर, सरकाघाट, बिलासपुर व कांगड़ा के समीपवर्ती इलाके के लोगों को शिमला या टांडा नहीं जाना पड़ेगा। इससे पूर्व मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में घुटनों के ट्रांसप्लांट और कूल्हों के सफल ऑपरेशन हुए हैं और यह सुविधा हमीरपुर में मिल रही है। आज हुए ऑपरेशन में डॉ. संजय और डॉ. मंजीत के अलावा डॉ. गौरी, डॉ. तरुण, डॉ. जितेंद्र ठाकुर, ओटीए अभिलाष, दिव्या, स्टाफ नर्स रिंकल, किरन और अन्य कर्मचारियों में सौरभ व बीना मौजूद रहीं।
हड्डी रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय ठाकुर ने कहा कि प्राचार्य डॉ. सुमन यादव के निर्देशानुसार मंगलवार को 62 वर्षीय महिला की सफल स्पाइनल सर्जरी की गई है। एक दिन में महिला अपने वजन पर बैठ जाएगी और दो दिन में महिला अपने पैरों पर खड़ी होंगी।
मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ. सुमन यादव और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चौहान ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में ही स्पाइनल सर्जरी की सुविधा मिलने से मरीजों को टांडा या शिमला नहीं जाना पड़ेगा।