हिमाचल नहीं, अपने भविष्य को लेकर चिंतित है कन्हैया कुमार : नरेंद्र अत्री
भाजपा व अनुराग को कन्हैया के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है,
कांग्रेस के स्टार प्रचारक बने कन्हैया कुमार को चार बार सांसद व तीन बार भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले की अनुराग ठाकुर की उपलब्धियों पर भी नजर डाल लेनी चाहिए थी,
हमीरपुर। पूर्व में भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश अध्यक्ष रहे, वर्तमान में भाजपा के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी नरेंद्र अत्री ने कहा कि केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर पर टिप्पणी करने से पहले , हाल ही में कम्युनिस्ट पार्टी को छोड़कर कांग्रेस के स्टार प्रचारक बने कन्हैया कुमार को चार बार सांसद व तीन बार भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले की अनुराग ठाकुर की उपलब्धियों पर भी नजर डाल लेनी चाहिए थी।
कन्हैया कुमार को मालूम होना चाहिए कि अपनी जिस आयु तक वह जेएनयू में रहकर छात्रों को बरगलाने, भारतीय संस्कृति का, देवी देवताओं का मजाक उड़ाने, हमारे देश के अर्ध सैनिक बलों के जवानों की शहादत का मजाक उड़ाने, देश के सैनिकों और घटिया आरोप लगाने आदि कार्य में लगे थे। उसी आयु में अनुराग ठाकुर बिना किसी राजनीतिक पद के , अपने हिमाचल प्रदेश को दुनिया के सबसे सुंदर खेल स्टेडियम में से एक धर्मशाला का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम सौंप चुके थे। अपने प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट मैच आयोजित कर, खेल के साथ पर्यटन की दृष्टि से हिमाचल को दुनिया में नई पहचान दिला कर रोजगार की नई संभावनाएं के मार्ग का सृजन करवा चुके थे, और उससे पहले राष्ट्रीय स्तर पर जूनियर वर्ग में क्रिकेट खेलते हुए अपनी उस टीम का नेतृत्व कर चुके थे जो नेशनल चैंपियन बनी थी। कन्हैया कुमार को पता होना चाहिए की राजनीतिक पदों के अतिरिक्त अनुराग ठाकुर देश की टेरिटोरियल आर्मी के अधिकारी भी हैं।
बाकी पूरे देश व प्रदेश की जनता ने उनके सांसद बनने से पहले एक कार्यकर्ता के तौर पर, पार्टी पदाधिकारी के तौर पर, खेल प्रशासक के तौर पर कार्य करते देखा है, वे उनकी कर्मठता , नेतृत्व क्षमता व दूरदर्शिता से भली भांति परिचित हैं, इसके लिए उन्हें कन्हैया कुमार के सलाह व सुझावों की जरूरत नहीं है। क्योंकि कन्हैया कुमार की सोच व विचार , हमारी संस्कृति को लेकर, हमारे देवी देवताओं को लेकर, हमारी सेना को लेकर, हमारे अर्धसैनिक बलों के जवानों की शहादत को लेकर, देश प्रदेश की जनता ने खुद समाचार पत्रों और टीवी चैनलों व अन्य मीडिया माध्यमों से देखा है जब वे जेएनयू में बतौर कम्युनिस्ट नेता विभिन्न प्रदर्शनों में भाग लेते थे।