मानसिक अक्षमता वालों के लिए अलग पेपर्स सैट करें शिक्षा बोर्ड
हमीरपुर । मानसिक रूप से अक्षम और सीखने में अक्षम बच्चों के लिए भी वही परीक्षा ली जा रही है जो सामान्य बच्चों से ली जाती है । जब इन विद्यार्थियों के पास 50 से 90 प्रतिशत मानसिक अक्षमता है तो उनके लिए पेपर उनकी बुद्धि लब्धि के अनुसार सेट होना चाहिए । यह बात आज डारोह में टीजीटी कला संघ महासचिव विजय हीर ने शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कही ।
विजय हीर ने कहा कि शिक्षा बोर्ड विशेष आवश्यकता वाले दिव्यांगों हेतु उनकी योग्यता और क्षमता अनुसार अंक विभाजन करे व उनका अलग पेपर लिया जाए । इसके अलावा नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों के बोझ को घटाने हेतु वर्ष में 2 बार बोर्ड परीक्षाएं लेने का निर्णय लिया गया है। मगर इस निर्णय को लेने में काफी वक्त लगाया गया और उन्होंने इस मामले को मई माह में ही सरकार और विभाग कर समक्ष रखा था, ताकि साल में 2 बार पेपर्स वाले सिस्टम की सही जानकारी बच्चों के पास समय पर होती और मानक भी उसी माह तय हो जाते। मगर टर्म परीक्षा लेने के बाद अब अगले माह बोर्ड परीक्षाएं रखने से परीक्षा की तैयारी को वक्त कम रह गया और प्री-बोर्ड परीक्षा भी नहीं हो सकी।
इसके अलावा पढ़ाने हेतु वक्त कम पड़ गया है और सामाजिक अध्ययन का पाठ्यक्रम भी दुविधा वाला है । कुछ पाठ एन सी ई आर टी ने हटाए हैं और कुछ शिक्षा बोर्ड ने और कुछ कटौती हर घर पाठशाला ने की है। ऐसे में फाइनल पाठ्यक्रम भी शीघ्र घोषित किया जाए और विद्यार्थियों को पढ़ाने हेतु पर्याप्त समय मिलना चाहिए । इसके अलावा शिक्षा बोर्ड 50 अंकीय पद्धति वाले मॉडल टैस्ट पेपर्स भी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करे ताकि शिक्षक तैयारी करवा सकें।