बड़ा झटका : 15 प्रतिशत वेतन बढ़ा तो नहीं मिलेगा 5 साल का एरियर
पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद निकली वेतन आयोग की नई अधिसूचना से सूबे के अधिकांश कर्मचारियों को निराशा ही मिलेगी।
हमीरपुर। पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद निकली वेतन आयोग की नई अधिसूचना से सूबे के अधिकांश कर्मचारियों को निराशा ही मिलेगी। 20 सितंबर को पंजाब वित्त विभाग ने वेतन आयोग की पूर्व अधिसूचना को संशोधित करते हुए कहा है कि 31 दिसंबर, 2015 को कर्मचारियों के मूल वेतन में 113 प्रतिशत डीए बढ़ाकर जो वेतन लिया था, उस पर 15 प्रतिशत वेतन की बढ़ौतरी वेतन निर्धारण में इस शर्त पर मिलेगा कि उस 15 प्रतिशत वेतन बढ़ाने के कारण जो लाखों रूपये का एरियर जनवरी 2016 से जून 2021 तक मिलना था, वह नहीं मिलेगा। यानी बढ़े हुए वेतन का सारा एरियर डकारने की अधिसूचना करके कंगाल किए जा रहे कर्मचारियों को मालामाल बताया जा रहा है। मगर असल में यह कर्मचारियों से सीधा धोखा है और पहली बार कर्मचारियों को 15 साल बाद कोई भी एरियर नहीं मिलेगा ।
भत्तों के संदर्भ में 5 साल का एरियर देने से पंजाब सरकार पिछली अधिसूचना में मुकर चुकी थी और अब 15 प्रतिशत वेतन बढ़ने के एरियर देने से मुकरना दर्शाता है कि पंजाब वेतन आयोग में फायदे वही हैं और केवल आंकड़े ही बदले जा रहे हैं । डीए 125 प्रतिशत की जगह 113 प्रतिशत दिया है और 2016 के बाद भर्ती कर्मचारियों को वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा जो कि अन्याय है । राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ प्रदेश महासचिव विजय हीर ने यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के कर्मचारी भत्ते और 15 प्रतिशत बढ़े वेतन के एवज़ में 5 साल का एरियर को शून्य करना बिल्कुल स्वीकार नहीं करेंगे और इसके विरोध में पंजाब के मुख्यमंत्री व वित्तमंत्री को ज्ञापन भेजा जा चुका है । पंजाब वेतन आयोग की रिपोर्ट अवधि को 31 दिसंबर , 2021 तक बढ़ाना और एसीपीएस स्कीम में फिर से विलंब दर्शाता है कि पंजाब में केवल मुख्यमंत्री बदला है मगर वेतन आयोग की रिपोर्ट्स आज भी कर्मचारी हितों के विपरीत ही खड़ी हैं ।
विजय हीर ने कहा कि ऐसे वेतन आयोग का क्या लाभ जिसमें कागजों में वर्ष 2016 से 15 प्रतिशत वेतन बढ़ेगा मगर बढ़ा हुआ वेतन कभी मिलेगा ही नहीं । इस तरह पूर्व अधिसूचना वाले लाभ ही मिलेंगे और एरियर मिलेगा ही नहीं । 2016 से 2021 का हर कर्मचारी का लाखों का एरियर हड़पने के फरमान के खिलाफ संघर्ष होगा । 2.25 और 2.72 गुणांक भी घाटे वाले ही हैं । पेंशनर्स के लिए पंजाब वेतन आयोग ने रिपोर्ट दी नहीं दी जिसके चलते पंजाब के 6 लाख कर्मचारी व पेंशनर खफा है और 2 अक्तूबर से मरिन्डा में बहुत बड़ा धरना देंगे । संघ ने पंजाब यूटी मुलाज़िम और पेंशनर्स सांझा फ्रंट को इस धरने हेतु समर्थन दिया है ।