भालत सिंचाई योजना सालों से पड़ी हुई बंद, लाखों की मोटरें खा चुकी हैं जंग

भालत गांव के किसानों के लिए जलशक्ति विभाग द्वारा 25 साल पहले सिंचाई की योजना शुरू की गई सिंचाई योजना धूल फांक रही है। उक्त वक्त इस स्कीम पर 5 लाख की राशि खर्च हुई थी 
 
हमीरपुर ।    उपमंडल बड़सर के तहत आने वाले भालत गांव के किसानों के लिए जलशक्ति विभाग द्वारा 25 साल पहले सिंचाई की योजना शुरू की गई सिंचाई योजना धूल फांक रही है। उक्त वक्त इस स्कीम पर 5 लाख की राशि खर्च हुई थी। सिंचाई योजना को शुरू करने का एक ही मकसद था कि लोग अपनी फसलों में खेती बाड़ी के लिए पूर्णता वर्षा पर निर्भर न होकर सिंचाई योजना के माध्यम से व्यापारिक फसलें पैदा कर अपनी आय को बढ़ा सकें व परिवार का पालन पोषण के साथ साथ रोजगार के साधन भी पैदा किए जाने थे।



बताते चलें कि भालत गांव में जब शुरू में स्कीम चली थी तो यहां पर यहां के लोग काफी मात्रा में मटर, प्याज, लहसुन, अदरक, फूलगोभी व कचालू सहित अन्य फसलें उगाया करते थे।  लेकिन अगर वर्तमान समय की बात की जाए तो यह सिंचाई योजना पूर्ण रूप से बंद है और काफी समय से यहां पर बड़ी बड़ी 60 हजार पावर की वाटर लिफ्टिंग की मोटर भी जंग खा रही है। यहां तक की ये पूर्णता खराब हो चुकी है इसके अलावा आधा सामान यहां से गायब है। इस योजना को विद्युत आपूर्ति करवाने के लिए विद्युत विभाग द्वारा लगाया गया ट्रांसफार्मर भी काफी खस्ता हालत में है।

ऐसा नहीं कि यहां के लोगों द्वारा आवाज नहीं उठाई गई हो कि इस सिंचाई योजना को दोबारा शुरू किया जाए। अभी हाल ही में जब हमीरपुर के एक जनमंच हुआ था तो वहां पर भी भालत गांव से ही संबंध रखने वाले लोगों ने आवाज उठाई थी कि इस स्कीम को चालू किया जाए। लेकिन जल शक्ति विभाग द्वारा इसके बारे में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया। इसी के चलते सिंचाई योजना में लगी कुछ पाइप लैंडस्लाइड होने की वजह से खड्ड में पहुंच चुकी है। अगर अब भी इस जाए योजना की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो लाखों रुपए की बर्बादी होगी। इसके अलावा क्षेत्र के किसानों को तो पूर्ण रूप से अपनी व्यापारिक फसलों के लिए फिर से वर्षा पर ही निर्भर रहना पड़ेगा। ग्रामीणों ने विभाग व सरकार से मांग की है कि इस सिंचाई योजना को फिर से चालू किया जाए ताकि लोगों को इसकी सुविधा मिल सकें।


उधर जल शक्ति विभाग बड़सर अधिशासी अभियंता राजीव सहगल ने बताया कि यह स्कीम काफी समय से बंद है। उन्होकंने कहा कि इसमें काम थोड़ा ज्यादा होना है। इस स्कीम को दोबारा चलाने में थोड़ा समय लगेगा।