क्यों लटकी है प्रवक्ता और हेडमास्टर प्रमोशन  : संघ

विभाग की इस बेरुखी से राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ खफा हो गया है और शिक्षा सचिव से इस मामले में स्वयं हस्तक्षेप करने की मांग की है ।
 

हमीरपुर  ।   उच्च शिक्षा विभाग में टीजीटी से हेडमास्टर और प्रवक्ता पदोन्नति सत्र के दो माह बीतने पर भी नहीं हो सकी । हाईकोर्ट ने जहां 7 अप्रैल, 2022 तक टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नति सूची जारी करने के आदेश दिए थे , वहीं शिक्षा विभाग ने दो माह में केवल पदोन्नति प्रक्रिया को आगे सरकाया है । विभाग की इस बेरुखी से राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ खफा हो गया है और शिक्षा सचिव से इस मामले में स्वयं हस्तक्षेप करने की मांग की है ।

संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल , महासचिव विजय हीर सहित समूची प्रदेश और जिला कार्यकारिणी ने इस मामले में जांच की मांग की है । संघ का कहना है कि टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नति के बैकलॉग में खाली पदों का ब्यौरा भी त्रुटिपूर्ण है जिसके खिलाफ संघ हाईकोर्ट जाएगा और पदोन्नत शिक्षकों का कोई रजिस्टर न होने के चलते प्रमोटी शिक्षकों का सही ब्यौरा नहीं मिल पाता है । जब भी शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया शुरू होती है तो आवेदन मांगने की प्रक्रिया कई माह चलती है और जब सारे कागजात विभाग को शिक्षक सौंप देते हैं तो आवेदन की तिथि को लंबे समय के लिए आगे सरका दिया जाता है ।

इसके बाद कोई टेंटेटिव प्रमोशन पैनल भी सार्वजनिक नहीं किया जाता है और वर्गवार कट ऑफ और तय पद भी नहीं बताए जाते । ऐसे में सारी कागजी प्रक्रिया पूरी होने पर एसीआर न आने का हवाला देकर कई माह पदोन्नति नहीं की जाती । नवंबर ,2019 में टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नति प्रक्रिया शुरू हुई थी और दर्जनों कारण बनाकर यह पदोन्नति सूची अप्रैल , 2021 में जारी हुई यानि डेढ़ साल पदोन्नति प्रक्रिया में चला गया । अब एक साल इंतज़ार और हो गया है और अनेकों शिक्षक बिना प्रमोशन रिटायर हो गए । शिक्षकों को पदोन्नति करवाने के लिए भी हाईकोर्ट जाना पड़ रहा है मगर विभाग की निद्रा अभी तक टूट नहीं रही ।

संघ ने उच्च शिक्षा निदेशक से दर्जनों बार टीजीटी से हेडमास्टर और प्रवक्ता पदोन्नति सूची जारी करने की अपील भी की है लेकिन निदेशालय डीपीसी में तेज़ी नहीं ला रहा । केवल टीजीटी शिक्षकों की पदोन्नति लटकाने को संघ ने दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है और इस बारे में अवमानना याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की है ।

संघ ने कहा कि अगर हाईकोर्ट के आदेश भी अगर नहीं माने जा रहे तो शिक्षकों के पास न्याय के लिए और क्या दरवाजा खुला है , यह भी सरकार और शिक्षा सचिव  स्वयं तय करें । अन्य विभागों और गैर-शैक्षिक कर्मचारियों की पदोन्नति रूटीन में हो रही हैं मगर शिक्षकों के लिए ऐसा क्यों नहीं हो रहा , इसका उत्तर हाई पावर कमेटी खोजे ।