टीजीटी शिक्षकों की मांगों पर गंभीरता से कार्यवाही करे शिक्षा विभाग : विजय हीर

मुख्य सचिव ने शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक को भेजा टीजीटी कला संघ का मांग-पत्र
 

हमीरपुर ।   टीजीटी शिक्षकों के हितों की रक्षा हेतु दस सूत्रीय मांग-पत्र राजकीय टीजीटी कला संघ ने प्रदेश मुख्य सचिव को भेजा था। इस मांग-पत्र पर प्रदेश सरकार मुख्य सचिव श्रीराम सुभग ने कार्यवाही करते हुए शिक्षा सचिव व उच्च शिक्षा निदेशक को आगामी आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा है। टीजीटी कला संघ प्रदेश महासचिव विजय हीर ने बताया कि दो साल सेवाकाल पूर्ण के अनुबंध टीजीटी नियमितीकरण आदेश जारी करने में हो रही देरी और टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नति हेतु हाईकोर्ट के फैसले को तय समय में लागू न करने का मामला इस मांग-पत्र में प्रमुखता से उठाया गया है।


विजय हीर ने बताया कि हाईकोर्ट द्वारा सीडब्ल्यूपी 217/2022 में उच्च शिक्षा विभाग को 7 अप्रैल 2022 तक डीपीसी करते हुए टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नति के आदेश दिए गए थे, मगर अब तक पदोन्नति नहीं की गई। टीजीटी से हेडमास्टर पदोन्नति भी अभी  लंबित है। जिसमें भर्ती पदोन्नति अनुसार बतौर टीजीटी न्यूनतम 8 साल सेवाकाल शर्त की कड़ाई से अनुपालना होनी चाहिए। हेडमास्टर पदों के न्यूनतम 80 प्रतिशत पद टीजीटी से हेडमास्टर पदोन्नति हेतु आरक्षित किए जाएँ, क्योंकि भर्ती पदोन्नति नियमों में केवल टीजीटी ही हेडमास्टर पदोन्नत किए जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हजारों टीजीटी 15 से 25 साल प्रतीक्षा उपरांत भी हेडमास्टर प्रमोट नहीं हो सके हैं। उन्होंने कहा कि टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नति के लिए मौजूद हजारों पदों का विषयवार सही डाटा प्रदेश के स्कूलों से एकत्रित करने की मांग भी संघ ने उठाई है। क्योंकि प्रवक्ता कैडर के 50 प्रतिशत पदों को टीजीटी पदोन्नति से भरा जाना चाहिए। मगर वर्तमान में करीब 36 प्रतिशत पद ही टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नति द्वारा भरे गए हैं। हाईकोर्ट के निर्णय अनुसार 26 अप्रैल 2010 के बाद टीजीटी से प्रमोट प्रवक्ता को हेडमास्टर बनाने का विकल्प देय नहीं है।

संघ सरकार से हाईकोर्ट के निर्णय के सम्मान की अपील कर रहा है। विजय ने कहा कि टीजीटी कला संघ ने 4-9-14 इंक्रीमेंट्स बहाली, टीजीटी को 5000 रूपये हायर ग्रेड पे व पंजाब की तजऱ् पर आरंभिक वेतन देने, टीजीटी सेवा कनफर्मेशन प्रक्रिया शुरू करने और टीजीटी वरिष्ठता सूची की खामियान दुरुस्त करने की मांग भी इस मांग - पत्र में की है, ताकि सेवारत टीजीटी शिक्षकों के हितों की रक्षा की जा सके ।