Hamirpur :  नियमों को दरकिनार कर  शुक्र  खड्ड में अवैज्ञानिक खनन जारी, छः से आठ फुट तक खोद डाली खड्ड

बड़सर के अंतर्गत पडऩे वाली शुक्र खड्ड में लगातार अवैज्ञानिक तरीके से खनन किया जा रहा है।  लेकिन लगातार शिकायतों व आसपास के गांवों में भूस्खलन के बावजूद संबंधित विभाग कुम्भकर्णी नींद सोया पड़ा हुआ है।
 

हमीरपुर । उपमंडल बड़सर के अंतर्गत पडऩे वाली शुक्र खड्ड में लगातार अवैज्ञानिक तरीके से खनन किया जा रहा है।  लेकिन लगातार शिकायतों व आसपास के गांवों में भूस्खलन के बावजूद संबंधित विभाग कुम्भकर्णी नींद सोया पड़ा हुआ है। जानकारी के मुताबिक शुक्र खड्ड के कई हिस्से क्रेशर मालिकों को खनन के लिए लीज पर दिए गए हैं। लीज पर देने के दौरान खनन करने के लिए बाकायदा संचालकों को गाइडलाइन जारी की जाती है जाती है। गाइडलाइन के  मुताबिक क्रशर संचालक खड्ड को केवल एक  मीटर तक ही खोद सकते हैं।

अगर इससे ज्यादा खनन किया जाता है तो उसे अवैध माना जाता है। लेकिन हमीरपुर बिलासपुर की सीमा पर दख्योड़ा के पास शुक्र खड्ड की हालत देखी जाए  तो खनन की जाने वाली जगहों पर 8 फीट तक गहरी खाइयां खड्ड के बीचों बीच बन चुकी हैं।  खनन विभाग के मुताबिक खड्ड में केवल मैनुअल तरीके से ही माइनिंग  की जा सकती है। इसके लिए किसी भी प्रकार की जेसीबी या अन्य मशीनरी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। लेकिन तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि जेसीबी के माध्यम से खुले आम दिन के उजाले में टिप्पर लोड किए जा रहे हैं।
ज्यादा हैरानी की बात यह है कि अवैज्ञानिक खनन के कारण  आस-पास के गांव भूस्खलन की मार झेल चुके हैं तथा पर्यावरण को भारी क्षति पहुंच रही है। लेकिन लगता है कि खनन विभाग क्रशर संचालकों पर पूरी तरह से मेहरबान है ।गांववासियों  की गुहार के बावजूद अवैज्ञानिक तरीके से किए जा रहे खनन पर कोई रोक नहीं लगाई जा सकी है ।  गौर करने वाली बात है कि प्रदेश के मुखिया ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू खनन माफिया पर शिकंजा कसने की बात कहते रहे है तथा इसके लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिये गए हैं। लेकिन खड्ड में किए जा रहे अवैध खनन को देखकर अधिकारियों की कार्यप्रणली संदेह के घेरे में आ गई है ।
 उधर, जिला माइनिंग अधिकारी  दिनेश कुमार ने बताया कि एक मीटर तक ही खनन की अनुमति क्रेशर संचालकों को दी जाती है। अगर नियमों को ताक पर रखकर खनन किया जा रहा है तो कार्रवाही की जाएगी।