हिमाचल में पांच निजी अस्पतालों के साथ कांगड़ा में दो कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी
धर्मशाला। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फर्जी आयुष्मान भारत आईडी कार्ड बनाने और योजना का उल्लंघन करने के मामले में दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब सहित हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, ऊना, शिमला, मंडी, कुल्लू में 19 स्थानों पर छापामारी की है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, यह छापामारी फर्जी कार्डों के माध्यम से बनाए गए मेडिकल बिलों से सरकारी खजाने और जनता को नुकसान पहुंचाने के आरोपों पर की गई है।
ईडी की टीम ने करीब 40 गाड़ियों के साथ छापामारी की है। हिमाचल प्रदेश के नगरोटा से कांग्रेस विधायक एवं पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली और कांगड़ा स्थित श्री बालाजी अस्पताल के डॉक्टर राजेश शर्मा के परिसरों की भी तलाशी ली गई है। इन दोनों कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर ईडी की दबिश से राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है।
ऊना में छापामारी
ऊना जिले में धर्मशाला-चंडीगढ़ सड़क मार्ग पर स्थित श्री बांके बिहारी हेल्थकेयर अस्पताल में भी बुधवार सुबह ईडी ने छापामारी की। जनवरी 2023 में इस अस्पताल पर आयुष्मान कार्ड से जुड़े घोटाले के आरोप लगे थे और थाना विजिलेंस ऊना में मामला दर्ज हुआ था। मुख्य आरोपी, किरण सोनी, नंगल निवासी महिला है, जिसके घर में भी ईडी ने तलाशी ली। वर्तमान में वह जिले के एक अन्य निजी अस्पताल में कार्यरत है।
कुल्लू और मंडी में कार्रवाई
कुल्लू जिले में भी एक निजी अस्पताल में ईडी की दबिश हुई। इस दौरान अस्पताल के रिकॉर्ड की जांच की गई। इसके अलावा मंडी में भी एक निजी अस्पताल में भी ईडी की टीम ने दबिश दी है। ईडी की इस व्यापक कार्रवाई से फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
योजना का उल्लंघन
फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने और उनका उपयोग कर निजी अस्पतालों में इलाज कराने के आरोप हैं, जिसमें श्री बांके बिहारी अस्पताल और फोर्टिस अस्पताल समेत कई अन्य निजी अस्पताल शामिल हैं। इन फर्जी कार्डों पर लाखों रुपये के मेडिकल बिल बनाए गए, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है।
ईडी इस मामले में तेजी से जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संभावना है। फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने के लिए ईडी की टीम तत्पर है। इस छापामारी से यह स्पष्ट हो गया है कि फर्जी आयुष्मान कार्ड घोटाले की जड़ें गहरी हैं और इसमें कई बड़े नाम शामिल हो सकते हैं। ईडी की यह कार्रवाई भविष्य में ऐसे घोटालों को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।