दियोटसिद्ध Temple में रविवार को उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब 

मान्यता यह है कि जब भी किसी की नई शादी होती है तो दूध, पुत्र की कामना के लिए लोग सबसे पहले बाबा बालक नाथ के दरबार पहुंचते हैं। बाबा बालक नाथ दूधाधारी नाम से भी प्रसिद्ध हैं।
 

बड़सर।  उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध  (Temple Deotsidh) में रविवार को श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। दियोटसिद्ध मंदिर (Deotsidh Temple) में रविवार को सुबह ही श्रद्धालु काफी संख्या में बाबाजी के दरबार में पहुंच गए थे। रविवार के चलते प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खासी व्यवस्था की थी।

पूरे हिमाचल (Himachal) में शादियों का दौर पूरे जोर शोर से चला हुआ है। इसी के चलते कई नए नवेले जोड़े भी बाबाजी के दर्शनों को पहुंचे हुए थे। मान्यता यह है कि जब भी किसी की नई शादी होती है तो दूध, पुत्र की कामना के लिए लोग सबसे पहले बाबा बालक नाथ के दरबार पहुंचते हैं। बाबा बालक नाथ दूधाधारी नाम से भी प्रसिद्ध हैं।


बताते चलें कि बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध (Temple Deotsidh) में रविवार को हिमाचल (Himachal) के अलावा पंजाब, दिल्ली व अन्य राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने बाबाजी की पवित्र गुफा के दर्शन किए व सुख समृद्धि की कामना की। वाहनों की भारी आवाजाही के कारण दियोटसिद्ध में दिन भर जाम की स्थिति बनी रही।

पुलिस (Police) को कड़ी मक्कसद करने बाद यातायात को बहाल करवाना पड़ा। हालांकि मंदिर प्रशासन द्वारा कोरोना से निपटने में पूरे एहतियात बरती जा रही है, लेकिन रविवार को मंदिर (Temple)  में श्रद्धालुओं की भीड़ काफी रही। श्रद्धालुओं की अधिक संख्या को देखते हुए मंदिर (Temple) की रेलिंग को भी बीच बीच में सैनिटाइज किया गया। मंदिर न्यास प्रशासन द्वारा लाउडस्पीकर से श्रद्धालुओं को कोविड (Cowid) नियमों के पालन के बारे में जानकारी दी जा रही है।

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उधर, दियोटसिद्ध मंदिर अधिकारी (Temple Officer) प्रेम चंद (Prem Chand) ने बताया कि मंदिर में रविवार को काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे थे। श्रद्धालुओं ने  शांतिपूर्ण तरीके से बाबाजी की पवित्र गुफा के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं को बेहतर व्यवस्था उपलब्ध करवाने का प्रयत्न किया जा रहा है।