हिमाचल में पिछले साल जैसी तबाही; एक साथ छह जगह फटे बादल, 53 से ज्यादा अभी भी लापता
मौसम विभाग के 36 घंटों के भारी से भारी बारिश होने के अलर्ट के बीच बुधवार की रात हिमाचल प्रदेश के कई गांव में तबाही बनकर आई। अलर्ट के पहले 10 से 12 घंटों के भीतर हिमाचल प्रदेश में छह जगह बादल फटने की घटनाएं सामने आईं हैं। बादल फटने के बाद आए जलजले ने प्रदेश के कई हिस्सों में भारी तबाही मचाई है।
कुल्लू जिले में नैन सरोवर, भीमडवारी, मलाणा, मंडी में राजवन, चम्बा में राजनगर और लाहौल के जाहलमा में बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। बादल फटने की घटनाओं के बाद प्रदेश में 50 लोग लापता हो गए हैं। अभी तक पांच शव बरामद हो चुके हैं। 47 घर, 10 दुकानें, 7 पुल, तीन स्कूल, एक डिस्पेंसरी, बस अड्डा, 18 वाहन, दो बिजली प्रोजेक्ट और एक बांध बह गया है। इस आपदा में 53 लोग लापता हो गए और तीन लोगों की मौत हो गई। यह पहली बार है जब एक साथ इतने स्थानों पर बादल फटे हैं। मंडी जिले के सभी शिक्षण संस्थानों में शुक्रवार को छुट्टी घोषित कर दी गई है।
समेज में 36 लोग लापता
जिला कुल्लू के निरमंड में रात 12 बजे नैन सरोवर और भीमडवारी में एकसाथ दो जगह बादल फटे। इसका पानी बागीपुल, समेज और गानवी की तरफ आया और 30 किमी नीचे तक भारी तबाही मचाई। शिमला-कुल्लू की सीमा पर समेज खड्ड में आई बाढ़ में 30 मकान बह गए। छह बच्चों समेत 36 लोग लापता हैं। इनमें चार प्रवासी, ग्रीनको समेज परियोजना के सात कर्मचारी और 22 स्थानीय लोग शामिल हैं। बाढ़ में 150 पशु भी बह गए। एक स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और दो बिजली प्रोजेक्ट ध्वस्त हो गए।
बागीपुल में बाढ़ से 10 दुकानें, एक मकान, दो पटवारघर, 15 गाड़ियां, बस अड्डा और पांच पुल बह गए। जियालाल के परिवार के पांच सदस्य और दो नेपाल मूल के व्यक्ति लापता हैं। श्रीखंड महादेव मार्ग पर भीमडवारी में करीब 250 लोग फंसे हुए हैं। ये लोग यात्रा पर निकले थे। वहीं, रामपुर में गानवी खड्ड में आई बाढ़ में पांच घर, तीन गाड़ियां और एक पुल बह गया।
बलाधी में सरकारी स्कूल, दो मंदिर, आठ मकान बहे
कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी के मलाणा नाले में गुरुवार सुबह बादल फटने से आई बाढ़ के कारण मलाणा पावर प्रोजेक्ट-एक का बांध टूट गया। बाढ़ से बलाधी गांव में एक सरकारी स्कूल, दो मंदिर, आठ मकान बह गए। नाले के उफान पर आने से पार्वती नदी में भी पानी बढ़ गया और नदी पर बना पुल बह गया। शॉट स्थित सब्जी मंडी का बहुमंजिला भवन भी बह गया है। मलाणा-एक प्रोजेक्ट में अभी भी 34 लोग फंसे हैं। इनमें चार टनल के अंदर बताए जा रहे हैं।
एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है। बलाधी गांव में बाढ़ आने से फंसे आठ परिवारों के 22 लोगों और 23 नेपालियों को रेस्क्यू कर लिया गया है। बचाव टीम ने कुल्लू शहर से तीन किमी दूर ब्यास में छरूडू में फंसे नौ लोगों को भी सुरक्षित निकाला। सैंज बाजार में निजी बस और मोटरसाइकिल पिन पार्वती नदी में बह गई।
राजवन में तीन घरों का नामोनिशान मिटा
मंडी जिले के पधर की चौहार घाटी के दुर्गम गांव राजवन में बुधवार रात बादल फटने से आए मलबे में दबने से तीन घरों का नामोनिशान मिट गया। इनमें रह रहे 12 लोगों में से तीन की मौत हो गई है, जबकि दो घायल अवस्था में मिले। सात लोग अभी भी लापता हैं। इसके अलावा थल्टूखोड़-ग्रामीण सड़क पर बने तीन पुल और दो घराट बह गए हैं। लापता लोगों में चार बच्चे, दो महिलाएं व एक युवक है। चंबा जिले की राजनगर पंचायत के रूपणी नाले में बुधवार रात 1 बजे बादल फटने से बाढ़ आई। बाढ़ की चपेट में आने से 20 वाहन मलबे में दब गए। वहीं, लाहौल के जाहलमा में भी बादल फटने से निचले क्षेत्रों में नुकसान हुआ है।
प्रशासन और बचाव कार्य
प्रशासन मौके पर पहुंचकर लापता लोगों की तलाश कर रहा है। एनडीआरएफ की 14 टीमें हिमाचल में तैनात की गई हैं और कुल्लू, मंडी, और शिमला में बचाव कार्य जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान करने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उच्चस्तरीय समिति की आपात बैठक बुलाई और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सहयोग की मांग की है।