'प्रथम दर्शन के मोती' संवारेंगे खणी स्कूल के छात्रों का भविष्य

जनजातीय क्षेत्र भरमौर में छात्र सुविधाओं से वंचित न रहे और उनका भविष्य अधर में न अटके इसके लिए भरमौर शिक्षा खंड के खणी स्कूल के पूर्व छात्रों ने अनोखी पहल शुरू की है।
 

भरमौर। शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक समाज अपने संचित ज्ञान कौशल और मूल्यों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाता है। शिक्षा से बाल रचनात्मक अभिव्यक्ति बढ़ाने और उज्ज्वल भविष्य के लिए साधन और अवसर प्रदान करने का कार्य किया जाता है। शिक्षा से ही हमें अपने आसपास की दुनिया के बारे में ज्ञान मिलता है। शिक्षा ही सही परिप्रेक्ष्य में बच्चों को चीजों की व्याख्या करने में सक्षम बनाती है।


मगर क्या हो जब देश का भविष्य कहे जाने वाले छात्रों को समृद्ध बनाने के लिए सरकार के प्रयास विफल होते दिख रहे हों। कहीं स्कूलों महाविद्यालय के लिए भवन नहीं तो कहीं पूरा शिक्षण स्टाफ नहीं । जनजातीय क्षेत्र भरमौर में यह स्थिति तो आम है। सरकार की अनदेखी के कारण छात्र सुविधाओं से वंचित न रहे और उनका भविष्य अधर में न अटके इसके लिए भरमौर शिक्षा खंड के खणी स्कूल के पूर्व छात्रों ने अनोखी पहल शुरू की है।


आदर्श राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खणी ने अपने पूर्व छात्रों से साथ मिलकर एक संगठन तैयार किया है। यह संगठन स्कूल के छात्रों के लिए अतिरिक्त कोचिंग, अच्छे प्रशिक्षण संस्थानों में दाखिले की लेने व्यवस्था और खर्च की जिम्मेदारी संभालेगा। 'प्रथम दर्शन के मोती' नामक इस संगठन में करीब 60 पूर्व छात्र शामिल हैं जिसका अध्यक्ष रावमापा खणी के प्रधानाचार्य लफ्टेन सिंह को ही बनाया गया है । 


लफ्चेन सिंह भी खणी स्कूल के छात्र रहे हैं। संस्थान के प्रधानाचार्य एवं पूर्व छात्र संगठन के अध्यक्ष लफ्टेन सिंह ने कहा कि संगठन खणी में पूर्ण व्यवस्थित सार्वजनिक पुस्तकालय खोलेगा। छात्रों के लिए सप्ताहांत पर विभिन्न विषयों पर व्याख्यान कक्षाओं आयोजित करेंगे। स्कूल के छात्रों को आर्थिक कमी के कारण शिक्षा न छोड़नी पड़े और किसी प्रतियोगिता से पीछे न हटना पड़े इसके लिए भी सहयोग किया जाएगा।