Manimahesh Yatra 2022: दो साल बाद 19 अगस्त से शुरू होगी मणिमहेश यात्रा

शुक्रवार को एसडीएम भरमौर असीम सूद की अध्यक्षता में मणिमहेश मेले की तैयारियों को लेकर एसडीएम कार्यालय के सभागार में सेक्टर ऑफिसर और उनके टीम सदस्यों की बैठक हुई।
 

भरमौर। पांच कैलाशों में से एक मणिमहेश यात्रा के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को पंजीकरण करवाना होगा। वीरवार शाम पांच बजे से ऑनलाइन पोर्टल पंजीकरण के लिए खोल दिया है। शिवभक्त यात्रा के लिए प्रदेया सरकार के पोर्टल पर अपना नि:शुल्क पंजीकरण करवा सकते हैं। सुरक्षा कारणों से मणिमहेश यात्रा के इस वर्ष सभी श्रद्धालुओं के लिए नि:शुल्क पंजीकरण करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। कोरोना काल के कारण दो वर्ष मणिमहेश यात्रा स्थगित रही। वहीं, इस वर्ष मणिमहेश यात्रा दिनांक 19 अगस्त से लेकर 2 सितंबर तक तक चलेगी।

उधर, शुक्रवार को एसडीएम भरमौर असीम सूद की अध्यक्षता में मणिमहेश मेले की तैयारियों को लेकर एसडीएम कार्यालय के सभागार में सेक्टर ऑफिसर और उनके टीम सदस्यों की बैठक हुई। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। एसडीएम ने कहा कि मणिमहेश मेले के दौरान नियुक्त किए गए सभी सेक्टर ऑफिसर और उन के टीम मेंबरों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए। मेले के दौरान उचित व्यवस्था को सुनिश्चित बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यात्रा के सफल आयोजन के लिए संबंधित अधिकारी सत्यनिष्ठा और जिम्मेदारी से अपने-अपने दायित्व का निर्वहन करें। बैठक में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

मणिमहेश यात्रा के श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 4 अगस्त शाम 5 बजे से ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई है। मणिमहेश यात्रा के दौरान आने वाले सभी श्रद्धालुओं को पंजीकरण कराना आवश्यक होगा। पंजीकरण निशुल्क होगा। पंजीकरण www.manimaheshyatra.hp.gov.in पर किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण होने पर श्रद्धालुओं के मोबाइल फोन पर एक लिंक प्राप्त होगा। पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत ही प्रवेश स्थलों से श्रद्धालुओं को आगामी यात्रा की अनुमति प्रदान की जाएगी। इस वेबसाइट पर हेलीकॉप्टर सेवा के बारे में जानकारी के साथ-साथ न्यास को दान देने की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध होगी।

पंजीकरण पोर्टल पर इस बार प्रशासन ने यात्रा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। ये सब निर्देश पंजीकरण पोर्टल पर भी दर्शाए गए हैं। यात्रा पर जाने वाले हर शिव भक्त को इन निर्देशों का पालन करना होगा। ये नियम इस प्रकार से हैं-

मणिमहेश यात्रा के दौरान क्या करें
  • यात्री अपना पंजीकरण आवश्य करवाएं।
  • यात्रियों से अनुरोध किया जाता है कि चिकित्सा प्रमाण पत्र अपने साथ लेकर आए तथा बेस कैंप हडसर में स्वास्थ्य - जांच आवश्य करवाएं। पूर्णतय स्वस्थ होने पर ही यात्रा करें।
  • अकेले यात्रा न करें केवल साथियों के साथ ही यात्रा करें।
  • चढ़ाई धीरे-धीरे करें, सांस फूलने पर वहीं रूक जाएं।
  • छाता, बरसाती, गर्म कपड़े, गर्म जूते, टॉर्च एवं डंडा अपने साथ आवश्य लाएं।
  • प्रशासन द्वारा निर्धारित रास्तों का प्रयोग करें।
  • किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या हेतु निकटतम कैंप में संपर्क करें।
  • सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  • दुर्लभ जड़ी-बूटियों एवं अन्य पौधों के संरक्षण में सहयोग करें।
  • इस यात्रा को पिकनिक अथवा मौज मस्ती के रूप में न लें व केवल भक्तिभाव एंव आस्था से ही तीर्थ यात्रा करें।
  • किसी भी प्रकार का दान अथवा चढ़ावा केवल ट्रस्ट के दान पात्रों में ही डालें।
  • यात्री मास्क तथा सेनिटाइजर साथ लाएं।
  • कोविड-19 नियमों का पालन करें।
  • यात्री अपना पहचान पत्र/आधार कार्ड यात्रा के दौरान साथ रखें।

मणिमहेश यात्रा के दौरान क्या न करें
  • सुबह 4 बजे से पहले और शाम 5 बजे के बाद बेस कैंप हडसर से यात्रा न करें।
  • बिना पंजीकरण एंव चिकित्सकीये रूप से फिट न होने पर यात्रा न करें।
  • अपने साथियों का साथ न छोड़े, जबरदस्ती चढ़ाई न चढ़ें व फिसलने वाले जूते न पहने यह घातक हो सकता है।
  • खाली प्लास्टिक की बोतलों एवं रैपर इत्यादि खुले में न फेकें बल्कि अपने साथ वापिस लाकर कूड़ेदान में डालें।
  • जड़ी-बूटियों एवं दुर्लभ पौधों से छेड़छाड़ न करें।
  • किसी भी प्रकार के नशीलें पदार्थो मांस मदिरा इत्यादि का सेवन न करें। यह एक धर्मिक यात्रा है इसकी पवित्रता का ध्यान रखें
  • पवित्र मणीमहेश डल झील के आस-पास कच्चरा, गीले कपड़े और स्नान उपरान्त अपने अधोवस्त्र इधर-उधर न फेकें तथा इन्हें नजदीक स्थापित कूड़ेदान में डालें।
  • छ: सप्ताह से ज्यादा गर्भवती महिलाएं यात्रा न करें।
  • यात्रा के दौरान चप्पलों के बजाय जूतों का प्रयोग करें, क्योंकि रास्ता दुर्गम होने की वजह से चोट इत्यादि लग सकती है।
  • किसी भी प्रकार के छोटे रास्ते का प्रयोग न करें।
  • प्लास्टिक का प्रयोग न करें।
  • यात्रा के दौरान कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे वातावरण दूषित हो तथा पर्यावरण को किसी प्रकार की कोई हानि हो।
  • यात्रा के दौरान मौसम खराब होने पर हडसर व डल झील के बीच धन्छो, सुंदरासी, गौरीकुंड एवं डल झील पर सुरक्षित जगह रूकें। मौसम अनुकूल होने पर ही यात्रा आरंभ करें।