Himachal : पंचायतों में तैनात अनुबंध कर्मियों से हो रहा सौतेला व्यवहार  

तीन महीनों से वेतन न मिलना, विभाग व सरकार की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर रहा 
 

हमीरपुर ।  पंचायतों मे तैनात अनुबंध कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। पंचायतों मे तैनात तकनीकी साहयकों व ग्राम रोजगार सेवकों के साथ साथ कम्प्यूटर ऑपरेटरों को पिछले तीन महीनों से उन्हें अपना मेहनताना नहीं मिल पाया है। इन अनुबंध कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलने के कारण अपने परिवार का पालन पोषण करना कठिन हो गया है।

 

 

 


बताते चलें कि पंचायतों में तैनात इन कर्मचारियों को लम्बे समय से समय पर मेहनताना नहीं मिल पर रहा है। इन कर्मचारियों को तीन- तीन महीनों से वेतन न मिलना विभाग व सरकार की कार्यप्रणाली पर कई सवाल भी खडे कर रहा है। नियमानुसार किसी भी सरकारी कर्मचारी को वेतन मिलने के लिए सरकार द्वारा समय अवधि तय की जाती है। सरकार व विभाग द्वारा ऐसे कर्मचारियों को तय की गई अवधि के भीतर ही वेतनमान देना सुनिश्चित होता है। लेकिन पंचायतों मे तैनात तकनीकी सहायक, ग्राम रोजगार सेवक व कम्प्यूटर ऑपरेटरों को पिछले कई वर्षो से समय पर अपना मेहनताना नहीं मिल पर रहा है। जिससे पंचायतों के ये कर्मचारी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे है।

इन कर्मचारियों को पिछले तीन महीनों से वेतन न मिलने के कारण परिबार का पालन पोषण करना तो मुश्किल हो ही रहा है। वहीं अपने बच्चों की पढ़ाई का खर्च वहन करना भी कठिन हो गया है। हैरत की बात यह है कि एक तरफ  सरकार अपने अधिकारीयों व कर्मचारियों को बेहतर सुविधा देने की बड़ी बड़ी बातें करती है। तो दूसरी तरफ  पंचायतों मे अनुबंध पर रखे इन कर्मचारियों  के साथ वेतन देने में हो रहे सौतेला व्यवहार से  सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न लग रहा है।

उल्लेखनीय है कि विकास खंड बिझड़ी की पंचायतों मे तैनात तकनीकी साहयकों व ग्राम रोजगार सेवकों मे से कुछ एक कर्मचारी ऐसे है, जिनका सेवकल लम्बा होने के बाद उन्हें जिला परिषद हैड के अधीन पुन: डाला गया है। ऐसे में इन कर्मचारियों के वेतन का भुकतान जिला परिषद हैड से ही किया जाता है। इसके आलावा अनुबंध पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को मनरेगा के तहत वेतन की राशि जारी की जाती है। लेकिन सरकार द्वारा पिछले कुछ महीनों से मनरेगा के तहत कार्य कर रहे कर्मचारियों को कभी समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है। इन कर्मचारियों को पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं मिल पाया है, जिससे ये खुद को सौतेला समझ रहे है।

मनरेगा के तहत अनुबंध पर रखे बिझड़ी विकास खंड के कुछ एक कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पिछले कुछ समय से उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है। अब तो तीन महीने बीतने को आए है, लेकिन हमें अपना वेतनमान नहीं अभी तक नहीं मिल पाया है। जिससे हमें परिवार व समाज के साथ निर्वाह करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि जब भी वेतन न मिलने के बारे अधिकारियों से बात की जाती है तो मनरेगा मे वजट न होने का हबाला देकर अपना पल्लू झाड़ लिया जाता है। लिहाजा अनुबंध पर कार्य कर रहे इन कर्मचारियों ने सरकार व विभाग को चेताया है कि इन्हे जल्द इनका मेहनताना दिया जाए। अन्यथा संबधित विभाग के कार्यालय का घेराब करने को मजबूर होना पड़ेगा।


उधर विकास खंड बिझड़ी अधिकारी हरिराम ने बताया कि  मनरेगा के तहत रखे गए तकनीकी सहायक, ग्राम रोजगार सेवक व कम्प्यूटर ऑपरेटरों को बजट के अभाव के चलते वेतमान नहीं दिया जा सका है। सरकार द्वारा जैसे ही बजट की राशि जारी होती है, तो इन कर्मचारियों को वेतन का भुकतान कर दिया जाएगा।