Himachal : अब मिलेगी मौसम की सटीक जानकारी, चम्बा और मंडी डॉप्लर वेदर रडार सक्रिय

Himachal News: केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने हिमाचल प्रदेश को दो डॉपलर वेदर रडार की सौगात है। ये रडार 100 किलोमीटर के दायरे में मौसम की जानकारी देने का काम करेंगे।
 
 

शिमला। हिमाचल प्रदेश में अब मौसम संबंधी घटनाओं की सटीक जानकारी मिलेगी। हिमाचल प्रदेश में दो डॉप्लर वेदर रडार सक्रिय हो गए हैं। इससे पहले शिमला जिले में भी एक रडार क्रियाशील था। हिमाचल प्रदेश को रविवार को दो नए डॉपलर वेदर रडार की सौगात मिली है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) और सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वर्चुअल माध्यम से दो डॉप्लर वेदर रडारों का उद्घाटन (Inauguration) किया। 

हिमाचल प्रदेश में स्थापित किए गए यह दो नए डॉप्लर वेदर रडार मंडी और चम्बा (Chamba) जिले में हैं। एक डॉप्लर वेदर रडार मंडी जिले के मुरारी देवी में स्थापित किया गया है, जबकि दूसरा चम्बा के जोत में लगाया गया है। यह दोनों रडार 100-100 किलोमीटर के दायरे में मौसम की सही जानकारी देने का काम करेंगे। हिमाचल के सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) ने नए डॉप्लर वेर रडार के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश के आपदा कोष में वृद्धि करने की भी मांग उठाई। सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य अपनी कठिन भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों के कारण विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित रहता है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश को मिलने वाले आपदा कोष में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से जनजातीय जिलों के लिए रडार उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया है।


रडार के दायरे में प्रदेश का 70 फीसदी इलाका

हिमाचल प्रदेश को मिले तो नए रडार 100 किलोमीटर के दायरे में भारी बारिश, आंधी और ओलावृष्टि की जानकारी दे सकेंगे। यह रडार विशिष्ट पूर्वानुमान और चेतावनी में सुधार करने के लिए मददगार साबित होंगे। सटीक डाटा उपलब्ध होने की स्थिति में आपदा के नुकसान को कम करने में भी मदद मिलेगी। दो नए रडार की वजह से प्रदेश के करीब 70 फीसदी क्षेत्र में मौसम का पूर्व अनुमान लगाने में आसानी होगी।

डॉप्लर वेदर रडार
  • डॉप्लर सिद्धांत के आधार पर रडार को एक ‘पैराबॉलिक डिश एंटीना’ (Parabolic Dish Antenna) और एक फोम सैंडविच स्फेरिकल रेडोम (Foam Sandwich Spherical Radome) का उपयोग कर मौसम पूर्वानुमान एवं निगरानी की सटीकता में सुधार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • DWR में वर्षा की तीव्रता, वायु प्रवणता और वेग को मापने के उपकरण लगे होते हैं जो  चक्रवात के केंद्र और धूल के बवंडर की दिशा  के बारे में सूचित करते हैं।