दियोटसिद्ध मंदिर में चढ़ाबे को लेकर न्यास प्रशासन का एक नया कारनामा आया सामने

मंदिर में चढ़ाबे की हुई गिनती को न्यासियों की अनुपुस्थिति में करवाने के कारनामे का एक वीडियों हुआ वायरल
 

हमीरपुर ।  उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में चल रहे चैत्र मास मेलों के दौरान मंदिर न्यास प्रशासन का एक नया कारनामा सामने आया है। न्यास प्रशासन ने मंदिर में हुए चढ़ाबे की शनिवार को हुई गिनती को न्यासियों की अनुपुस्थिति में करवाने के कारनामे का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिससे न्यास प्रशासन के इस कारनामे के बाद हर कोई सख्ते में है। शनिवार को करवाई गई गिनती में चढ़ाबा कितना है, इसका पता नहीं। लेकिन चढ़ाबे की गितनी में अधिकांश चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को शामिल किया गया।

मुद्दा इस लिए बड़ा है कि शनिवार को हुई इस चढ़ाबे की गिनती में कोई मंदिर न्यासी या अधिकारी मौजूद नहीं था। हालांकि मंदिर प्रशासन ने इसके लिए सीसीटीवी फुटेज को पहरेदार करार दिया है, लेकिन नियमों के अनुसार मंदिर में हुए चढ़ाबे की गिनती के दौरान किसी न किसी न्यासी का उपस्थित होना अनिवार्य है। इस बाबत जब मंदिर अधिकारी से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन तक उठाना मुनासिफ  नहीं समझा।

बताते चलें कि  बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में 14 मार्च से चैत्र मास मेलों आगाज हुआ है। चैत्र मास मेलों के दौरान देश विदेश से हजारों श्रद्धालु रोजाना यहां बाबाजी के दर्शनों के लिए पहुंच रहे है। श्रद्धालुओं से मंदिर न्यास को प्राप्त होने वाले चढ़ाबे की गिनती भी न्यास प्रशासन द्वारा प्रतिदिन करवाई जा रही है। चढ़ाबे की गिनती के दौरान न्यास में तैनात अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ साथ न्यासियों की उपस्थिति होना अनिवार्य होता है। इसके बाबजूद शनिवार को हुई चढाबे की गिनती के दौरान न ही कोई अधिकारी,  और न ही कोई न्यासी उपस्थित रहा। जिसका एक वीडियों क्षेत्र में खूब वायरल भी हो रहा है, जो मंदिर प्रशासन की मेले को लेकर की व्यवस्थाओं की पोल भी खोल रहा है।

हैरत की बात यह है कि न्यास प्रशासन द्वारा मंदिर के रख रखाब के आलाबा अन्य गतिविधियों की देख रेख के लिए न्यासियों की एक बड़ी फौज तैनात कर रखी है। लेकिन सरकार द्वारा तैनात किए गए न्यासियों की लम्बी फौज होने के बाबजूद भी चढ़ाबे की गिनती अगर अपने ही कर्मचारियों से अकेले बंद कमरे में करवानी हो तो ऐसे में सरकार द्वारा तैनात की गई न्यासियों की इस फौज का क्या महत्व रह जाता है। गौर रहे कि दियोटसिद्ध मंदिर के चढ़ाबे को लेकर इससे पूर्व भी कई बार न्यास प्रशासन सुर्खियों में रह चुका है, फिर भी न्यास प्रशासन सबक नहीं ले पाया है।

उलेखनीय है कि बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में कोरोना महामारी के बाद तकरीबन दो साल मेलों का आयोजन किया जा रहा है। दो साल बाद शुरू हुए चैत्र मेले के दौरान इस बार श्रद्धालुओं की संख्या में भी भारी बढौतरी हो रही है। पिछले दो वर्षों से रुके देश विदेश से आने वाले हजारों श्रद्धालुओं का हजूम इस बार हर दिन यहाँ लग रहा है। उम्मीद यह भी है कि लोगों की आस्था के इस केंद्र में चढ़ाबा भी पहले से अधिक होगा। लेकिन शनिवार को चढ़ाबे की गिनती के वायरल हो रहे वीडियों से सामने आ रहा है कि दियोटसिद्ध मंदिर में किस तरह प्रशासन की व्यवस्था फेल होती नजर आ रही है।  दियोटसिद्ध मंदिर में 14 मार्च से चैत्र मेलों का आयोजन चल रहा है और यह 13 अप्रैल तक चलेगा, लेकिन मेलों के पहले हप्ते ही मंदिर न्यास की कुव्यवस्था सामने आने लगी है।


उधर मंदिर न्यास अध्यक्ष एवं एसडीएम बड़सर शशीपाल शर्मा ने बताया कि  दियोटसिद्ध मंदिर के चढाबे की गिनती के दौरान न्यासियों या फिर अधिकारी का होना जरूरी होता है, लेकिन 8 से 10 घंटे तक चलने बाली इस गिनती के दौरान हर समय अधिकारियों का यहां रहना मुनासिफ  नहीं है। उन्होंने कहा कि गिनती सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हो रही है।  ऐसे में किसी प्रकार की हेराफेरी संभव नहीं है।