दिखने में खतरनाक बिच्‍छू बूटी में छिपे हैं कमाल के गुण

RNN DESK। हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाने नेटल्स या नेटल लीफ जिसे हिंदी में बिच्छू बूटी कहते हैं। यह एक प्रकार की बारहमासी जंगली जड़ी-बूटी है। जिसे अक्सर खरपतवार या बेकार पौधा समझा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम अर्टिका डाइओका (urtica dioica) है। यह मुख्य रूप से एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है। लेकिन यह सेहत
 

RNN DESK। हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाने नेटल्‍स या नेटल लीफ जिसे हिंदी में बिच्छू बूटी कहते हैं। यह एक प्रकार की बारहमासी जंगली जड़ी-बूटी है। जिसे अक्‍सर खरपतवार या बेकार पौधा समझा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम अर्टिका डाइओका (urtica dioica) है। यह मुख्‍य रूप से एंटीऑक्‍सीडेंट का काम करता है। लेकिन यह सेहत के लिए बहुत स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। इसकी कुछ प्रजातियों के पत्तों पर नुकीले बाल और डंकनुमा होते हैं शायद इसी कारण इसका नाम बिच्छू बूटी पड़ा है। लेकिन कंटीला होने के बावजूद इसमें कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं जिस वजह से इस पौधे पर कई अध्‍ययन हो चुके हैं। हिमाचल में इसकी अच्छी खासी पैदावार होती है। चंबा जिला, कांगड़ा, मंडी सहित लगभग सभी जिलों में पैदा होती है। चंबा में इसे ऐण के नाम से भी जाना जाता है।

स्किन के ल‍िए फायदेमंद

एक अध्‍ययन के अनुसार बिच्छू बूटी के पत्‍तों में मौजूद पोषक तत्‍व त्‍वचा में आसानी से अवशोषित हो जाते हैं। इसलिए इन प्रभावों को प्राप्‍त करने के लिए या तो आप बिच्छू बूटी की चाय का सेवन कर सकते हैं। या फिर आप इस चाय को ठंड़ा करके प्रभावित क्षेत्र में लगा सकते हैं। यह आपकी त्‍वचा की सभी प्रकार की समस्‍याओं को दूर करने में मदद कर सकती है।

घावों के ल‍िए करता है मरहम का काम

जब भी आपको कोई चोट लगे या घाव हो जाए, तो बिच्छू बूटी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें मौजूद हाइड्रोएल्कोहलिक एक्सट्रैक्ट कटने-जलने और घाव को जल्दी भर देता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण भी मौजूद होते हैं, जिससे घाव और चोट जल्दी सूख जाते हैं।

हाई ब्लड प्रेशर करे कम

यदि आपको उच्च रक्तचाप की समस्या रहती है, तो बिच्छू बूटी का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंटी-हाइपरटेंसिव गुण उच्च रक्तचाप की समस्या को कम कर देता है।

बुखार और एलर्जी की समस्या को करें राहत

सर्दी कम होते ही मौसम का मिजाज तेजी से बदलने लगता है। ऐसे में लोगों को बुखार, सर्दी-जुकाम अधिक होने लगती है। बिच्छू बूटी आपको सर्दी, एलर्जी, बुखार जैसी समस्याओं से भी बचाती है। कई बार मौसम बदलने से एलर्जी जैसे रायनाइटिस के साथ ही बुखार, नाक बहना, नाक में खुजली की समस्या होने लगती है। इनसे भी राहत दिलाती है बिच्छू बूटी। जिन लोगों को अस्थमा है, उन्हें भी बिच्छू बूटी लाभ पहुंचाती है। इसमें एंटी-अस्थमैटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है।

दिल और लिवर के ल‍िए है कमाल का

अपने दिल और लिवर को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो इसमें मौजूद इथेनॉलिक एक्सट्रैक्ट (Ethanolic extract) ऐसा कर सकती है। यह एक्सट्रैक्ट एथेरोस्क्लोरोटिक (हृदय की धमनियों से जुड़ी समस्या) से बचाए रखती है। इससे आपको हार्ट अटैक और दिल से संबंधित अन्य समस्याएं नहीं होंगी। साथ ही बिच्छू बूटी में हेपाटोप्रोटेक्टिव भी होता है, जिससे लिवर की समस्या काफी कम होती है।

विटामिंस का है खजाना

इस पौधे की तासीर गरम होती है और इसका स्वाद कुछ कुछ -कुछ पालक जैसा ही होता है इसमें विटामिन A,B,D , आइरन, कैल्शियम और मैगनीज़ प्रचुर मात्रा में होता है बहुत से देशों मे इसकी खेती भी की जाती है। लेकिन भारत के हिमालय क्षेत्र मे यह पौधा इतनी मात्रा मे होता है कि इसकी खेती करने की जरूरत ही होती यहां ये पौधा जंगली पौधे की श्रेणी मे गिना जाता है ।