Guava Leaves: क्या आप जानते हैं अमरूद के पत्तों के उपयोग का यह तरीका

RNN DESK। खान-पान में हुई जरा-सी लापरवाही के कारण जी मिचलाना या उल्टी आना जैसी समस्याएं एक दम सामान्य हैं। लेकिन हर छोटी-बड़ी समस्या के लिए तुरंत अंग्रेजी दवाओं का सेवन करना एक समझदार निर्णय तो नहीं कहा जा सकता। क्योंकि इन दवाओं के बनाने में उपयोग किए गए सॉल्ट्स के सेहत पर कई नकारात्मक
 

RNN DESK। खान-पान में हुई जरा-सी लापरवाही के कारण जी मिचलाना या उल्टी आना जैसी समस्याएं एक दम सामान्य हैं। लेकिन हर छोटी-बड़ी समस्या के लिए तुरंत अंग्रेजी दवाओं का सेवन करना एक समझदार निर्णय तो नहीं कहा जा सकता। क्योंकि इन दवाओं के बनाने में उपयोग किए गए सॉल्ट्स के सेहत पर कई नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। जबकि आयुर्वेदिक दवाएं और घरेलू नुस्खे पूरी तरह प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित होते हैं।

यह जानकर आपको हैरानी हो सकती है कि अमरूद की कोपलें (Guava Leaves) खाने से आपको मितली, खट्टी डकार और पेट दर्द जैसी समस्याओं में राहत मिल सकती है। लेकिन यह सच है। आप अमरूद नए के छोटे और मुलायम ताजे पत्ते लेकर उन्हें अच्छी तरह धुल लें। अब इन पत्तों पर 1 से 2 चुटकी काला नमक लेकर इन्हें धीरे-धीरे चबाएं और इनके रस को निगल लें। इन पत्तों का सेवन आपको इस तरह करना है, जैसे पान खाते हैं।

अमरूद के पत्तों की खूबियां
  • आपको बता दें कि अमरूद के पत्तों में ऐंटिबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। यही कारण कि इनका सेवन करने से सेहत संबंधी कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • यदि आपको भोजन करने के बाद या लंबा सफर करने के बाद मितली की समस्या हो रही हो तो आप अमरूद के 2 से 3 पत्ते लेकर उन्हें एक चुटकी काले नमक के साथ चबा लें। आपको तुरंत लाभ का अनुभव होगा।

दांत दर्द दूर करने का घरेलू नुस्खा
  • दांत दर्द से छुटकारा पाने में भी अमरूद के पत्ते आपकी बहुत मदद कर सकते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए आप अमरूद के 5 से 6 पत्ते लेकर उन्हें धुल लीजिए और पीने योग्य पानी में उबाल लीजिए।
  • 10 मिनट उबालने के बाद छानकर पानी अलग कर लीजिए और पानी से कुल्ला करें। इस दौरान पानी को कुछ देर के लिए मुंह में रोककर भी रखें। इससे दांत की सिकाई होगी और आपको दर्द में राहत मिलेगी। 
ऐंटिएलर्जिक गुण
  • आपको बता दें कि ऐंटिबैक्टीरियल गुणों के साथ ही अमरूद के पत्तों में ऐंटिएलर्जिक गुण भी पाए जाते हैं। त्वचा पर खुजली, रैशेज या दाने होने पर आप अमरूद के पत्तों का पेस्ट बनाकर लगा लें। मात्र दो से तीन बार लगाने पर ही आपको लाभ अनुभव होगा।
  • लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि अगर आपको 2 से 3 बार लगाने में लाभ का अनुभव ना हो तो लापरवाही ना करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि कई बार इंफेक्शन बहुत गंभीर होता है, जिसे मेडिकल ट्रीटमेंट के द्वारा ही ठीक किया जा सकता है।
  • अमरूद के पत्तों का पेस्ट बनाने के लिए आप इन पत्तों को साफ पानी से धुलकर उन्हें सिल-बट्टे या मिक्सी की सहायता से पीस लें। इसके बाद तैयार पेस्ट में दो बूंद सरसों का तेल और दो बूंद नारियल तेल की मिला लें। इसके बाद संक्रमित जगह पर लगा लें।